हजारीबाग. झारखंड के दूमका को मूलटी को मंदिरों का गांव कहा जाता है. वहीं हजारीबाग के इचाक को मंदिरों का शहर कहा जाता है. इचाक में लगभग 100 से अधिक मंदिर हैं. जिनका निर्माण सदियों पूर्व हुआ था. जिस कारण इसे मंदिरों का शहर के नाम से जाने जाना लगा. इचाक के सुदूरवर्ती गांव काला-दोहर गांव में खुदाई के दौरान नक्काशीदार पत्थर मिला है. जिसेमंदिर का अवशेष माना जा रहाहै. जिसके बाद से यह इलाके काफी चर्चा में आ गया है. आसपास के इलाके के लोग यहां पहुंच रहे हैं.
स्थनीय राकेश कुमार बताते है कि अवशेष को देखने से यह प्रतीत होता है कि इसमें बेहद बारीकी से नक्काशी की गयी है और ये किसी मंदिर का ऊपरी हिस्सा है. 17 वीं सदी में इस इलाकें में कई मंदिरों का निर्माण किया गया था. ये उन्ही मंदिरों का अवशेष मालूम पड़ता है.
दरअसल, गांव निवासी सोनू लाल मांझी खेत में सिंचाई के लिए गड्डा खोद रहे थे. उसी दौरान मंदिर का अवशेष मिला है. उन्होंने कहा कि खुदान के दौरान मिटटी से लतपत पत्थर मिला. फिर इसे पानी से साफ कर देखा तो इसपर नक्काशी की हुई थी.इसे खेत के पास ही रख कर पूजा की जा रही है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. लोगों की मांग है कि खुदाई कर देखने चाहिए कि यहां जमीन के नीचे केवल मंदिर का अवशेष ही है या मंदिर अभी भी स्थित है. सीओ मनोज महाता ने बताया कि हमें भी इस सम्बंध में अभी जानकारी मिली है.अभी हम किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे नही है.पूर्ण जानकारी और जांच के के पश्चात ही हम अस्पष्ट रूप से जानकारी दे पाएंगे.
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