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गुलशन सिंह/बक्सर: जिला के 11 प्रखंडों में महादलित टोला की कुल संख्या 724 है. सबसे अधिक बस्तियां इटाढी प्रखंड में 99 है. वहीं राजपुर में 94, नावानगर में 96, ब्रह्मपुर में 90, डुमरांव में 72, चौगाई में 38, चौसा में 53, सिमरी में 79, चक्की में 14 और केसठ प्रखंड में 18 महादलित टोला है. बरसात शुरू होते हीं महादलित टोलों की स्थिति बद्दतर हो जाती है. बरसात महादलित टोलों पर आफत बनकर आती है. दलित बस्ती में जलजमाव से गरीब परिवार के लोगों का जीवन नरक बन जाता है.
बरसात का पानी घरों में प्रवेश कर जाता है. ऐसे में महादलित परिवारों का जीवन संकट के बीच गुजरता है. एक तरफ जहां सरकारें महादलित परिवारों के जीवनस्तर को बदलने की बातें करती है. सालों से महादलितों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत में ज्यादा बदलाव नहीं आ सका है.
80 फीसदी बस्तियां बरसात में बदहाल
जिले के 724 महादलित टोले में से 80 फीसदी बस्तियों की स्थिति बरसात में बदहाल है. गंदगी और दुर्गंध के बीच महादलितों का जीवन गुजरता है. बरसात इनकी परेशानी को बढ़ा देता है. बरसात में महादलित टोले की महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ता है. महादलित बस्ती में रहने वाले लोग बताते है कि नालियों की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बरसात में पानी गलियों से होकर घरों में प्रवेश कर जाता है. जिसके कारण शाम ढ़लने से पहले महिलाएं खाना पका लेती है. इन परिवारों को पीने का पानी और राशन के लिए जलजमाव के बीच से आना-जाना पड़ता है.
महादलित को जलजमाव से नहीं मुक्ति
लोगों ने बताया कि बारिश होने के साथ ही डुमरांव के महरौरा में महादलित बस्ती, साफाखाना रोड के महादलित टोला और चौगाई के अमसारी मुसहरी की हालत दयनीय हो जाती है. महरौरा और साफाखाना रोड के महादलित टोला चारों ओर से गंदे पानी से घिरा चुका है. वहीं सिमरी प्रखंड के बलिहार के महादलित टोले की सडक पर सालों भर गंदे पानी का बहाव होते रहता है. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीन रवैया के कारण तमाम योजनाओं के बावजूद महादलित टोलों को जलजमाव की समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकी है.
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Tags: Bihar News, Buxar news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 17, 2023, 12:37 IST
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