
पाकुड़ । भाजपा के भूतपूर्व सांसद दिवंगत सोम मरांडी के पत्नी को अब तक पेंशन नहीं मिलने से उनकी परिवार की स्थिति बिल्कुल दयनीय हो चली है, स्थिति काफी गंभीर है।
राजमहल लोकसभा क्षेत्र के भूतपूर्व भाजपा सांसद दिवंगत सोम मरांडी की पत्नी को अब तक पेंशन नहीं मिलने से परिवार को काफ़ी परेशानी हो रहीं है। 1998 ई. मे पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। जिसमे उन्होंने 9 वोटो से जीत दर्ज कर राजमहल लोकसभा से भाजपा सांसद बने। अटल बिहारी बाजपेई देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन सरकार महज 13 महीने ही चली और सरकार गिर गई। सोम मरांडी पार्टी के लिए कार्य करते रहे। फिर बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड विकास मोर्चा में चले गए। फिर पुनः भाजपा में लौट आए।
दुर्भाग्यवश विगत वर्ष सोम मरांडी का अचानक निधन हो गया। जिससे उनके परिवार को एक बड़ा झटका लगा। उनके 6 बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। निधन के बाद परिवार का सम्पूर्ण भार उनके पत्नी पर आ गया। एक साल बीत जाने के बाद भी दिवंगत सांसद कि पत्नी को पेंशन नहीं मिला।
परिवार में पुरुष सदस्य ना होने पर कागजाती करवाई में विलम्भ हो रही है। उनकी लड़की का सपना है कि वो ग्रेजुएशन के बाद आगे की पढ़ाई करें लेकिन सर पर पिता का साया चले जाने से अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि आगे की पढ़ाई कैसे करें। मकान पर ऋण होने के कारण उनकी पत्नी के बैंक खाते को बैंक द्वारा ड्रॉप कर दिया गया है।
सोम मरांडी, मृदुभाषी, नेक दिल, एक सीधा साधा आदिवासी युवक थे। जिन्होंने कभी भी अपनी छवि पर दाग नहीं लगने दिया। आज उनके दिवंगत हुए साल भर से ज्यादा हो गया। किंतु उनके परिवार का कुशल मंगल जानने वाला, उनकी खबर लेने वाला कोई नहीं है। इसीलिए कहा गया है की जब तक सांस है तब तक आस है। इसलिए अपने लिए खुद सोचिए। फिलहाल उनको मदद की आवश्यकता है। यदि उनकी पेंशन शीघ्र प्रारंभ नहीं होती है तो उनकी परेशानी काफी हद तक बढ़ जाएगी।