सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को एक सख्त सलाह जारी करते हुए उन्हें केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करने के लिए कहा है। सरकार ने पिछले कुछ महीनों में समाचार प्रसारण सहित कई उल्लंघनों पर गौर करने के बाद ये परामर्श जारी करिया है। बता दें कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने यह देखने के बाद एडवाइजरी जारी की है कि कुछ चैनल्स द्वारा दुर्घटनाओं, मौतों और हिंसा से जुड़ी घटनाओं को इस तरह दिखाया जाता है, जो आम दर्शक को पसंद नहीं आतीं और उन्हें विचलित करती हैं।
प्रसारकों को “जिम्मेदारी और अनुशासन की एक निश्चित भावना” की याद दिलाते हुए सलाहकार ने कहा कि हिंसक घटनाओं की रिपोर्टिंग छवियों को धुंधला करने या उन्हें लंबे शॉट्स में दिखाए बिना अप्रिय, दिल दहलाने वाली, व्यथित करने वाली घटनाओं को सनसनीखेज बनाने से बचा जाए। इस तरह की रिपोर्टिंग का बच्चों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। गोपनीयता भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी है जो संभावित रूप से निंदनीय और मानहानिकारक हो सकता है।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया से वीडियो क्लिप को मॉड्यूलेट या एट्यून या संपादित करने का प्रयास किए बिना इसे प्रोग्राम कोड की भावना के अनुरूप और सुसंगत बनाने के लिए सोशल मीडिया से सोर्स के रूप में इंगित किए जाने के लिए चैनलों को फटकार लगाई है। टेलीविजन चैनलों द्वारा इस तरह का प्रसारण गंभीर चिंता का विषय है और इसमें शामिल व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए और बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों सहित टेलीविजन चैनलों के दर्शकों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, सभी निजी टेलीविजन चैनलों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वे अपने सिस्टम को दुरुस्त करें।