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राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए द कश्मीर फाइल्स ने नरगिस दत्त पुरस्कार दिए जाने पर फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि यह फिल्म कश्मीर में आतंकवाद के पीड़ितों की आवाज है। मैं यह पुरस्कार आतंकवाद के पीड़ितों, विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं को समर्पित करता हूं।
‘द कश्मीर फाइल्स’ ने राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार जीता है। 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने गुरुवार दोपहर को घोषणा की। विवेक अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म को एक ऐसी प्रशंसा दी गई है जिस पर तीखी बहस छिड़ सकती है। अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित और पिछले साल मार्च में रिलीज़ हुई ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम पर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। हालांकि, इसको लेकर जबरदस्त राजनीतिक बवाल हुआ था। कई आरोप भी लगाए गए थे। हालांकि, फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला था।
राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए द कश्मीर फाइल्स ने नरगिस दत्त पुरस्कार दिए जाने पर फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि यह फिल्म कश्मीर में आतंकवाद के पीड़ितों की आवाज है। मैं यह पुरस्कार आतंकवाद के पीड़ितों, विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका में हूं और यहां सुबह हो गई है। मैं अभी-अभी द कश्मीर फाइल्स के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने की खबर से जागा। यह देश का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है। मैंने हमेशा कहा है कि यह मेरी फिल्म नहीं थी, यह लोगों की फिल्म थी। मैं पीड़ितों – सिख, दलित, हिंदू, मुस्लिम, ईसाई – की कहानी बताने का एक माध्यम मात्र था – मेरी फिल्म इन लोगों की आवाज़ है।
विवेक ने कहा कि फिल्म की असली जीत इस तथ्य में है कि इसे पीड़ितों ने पसंद किया। उन्होंने कहा कि यह उनके दर्द की आवाज़ है जो दुनिया भर में गूंजती है। हमने इस कहानी को पूरी दुनिया तक फैलाने के लिए दिन-रात मेहनत की। राष्ट्रीय पुरस्कार इसी मान्यता की मोहर है। मैं अपनी कंपनी आई एम बुद्धा की ओर से यह पुरस्कार आतंकवाद के सभी पीड़ितों, विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं को समर्पित करता हूं। ये उन सभी भारतीयों के लिए भी है जो दुनिया में आतंकवाद के शिकार हैं. यह फिल्म उनकी आवाज़ है, उनका दर्द है और यह पुरस्कार उन सभी पीड़ितों को समर्पित है। द कश्मीर फाइल्स भी बॉक्स ऑफिस पर व्यावसायिक रूप से हिट रही। इसमें 1990 के मध्य में पलायन के दौरान कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा को दिखाया गया था। जबकि कई लोगों ने फिल्म को ‘प्रचार’ कहा, अग्निहोत्री ने हमेशा इसे लोगों की फिल्म कहा।
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