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रिपोर्ट- प्रियांक सौरव
मुजफ्फरपुर. बिहार का मुजफ्फरपुर शहर एक बार फिर से रक्तरंजित हुआ है. मुजफ्फरपुर के नगर थाना क्षेत्र के लकड़ीढाही में शुक्रवार की रात करीब 10 बजे गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हुई, और चंद मिनटों में शहर के बड़े प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या की खबर सामने आई. आशुतोष शाही की मर्डर की खबर सुनते ही हड़कंप मच गया. दरअसल बाइक सवार चार अपराधियों ने प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही, और उनके निजी अंगरक्षकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें आशुतोष शाही की मौके पर मौत हो गई, वहीं उनके दो अंगरक्षकों की मौत इलाज के दौरान हो गई, जबकि दो की हालत नाजुक है.
प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की मौत के बाद एक बार फिर से मुजफ्फरपुर का हृदय कहा जाने वाला कल्याणी की उस अभिशप्त जमीन की चर्चा जोर शोर से होने लगी है. दरअसल चर्चा है कि आशुतोष शाही की हत्या कल्याणी की मछली मंडी की जमीन को लेकर हुई है. इससे पहले भी मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या इसी जमीन के सिलसिले में हुई थी, जिसमें आशुतोष शाही भी अभियुक्त बनाए गए थे.
23 सितंबर 2018 को मुजफ्फरपुर के पहले मेयर समीर कुमार को चन्दवारा मारवाड़ी हाई स्कूल रोड में बाइक सवार अपराधियों ने एके-47 से उनकी कार में ही भून दिया था. वहीं अब जमीन कारोबारी आशुतोष शाही की भी हत्या उस जगह से महज 50 मीटर की दूरी पर मारवाड़ी हाईस्कूल के ठीक सामने अधिवक्ता डॉलर के घर में हुई. समीर हत्याकांड के बाद आशुतोष शाही समीर गुट के लिए सबसे बड़े दुश्मन बन गए थे. इस बीच कल्याणी मछली मंडी के जमीन का कुछ हिस्सा खरीदने के बाद एक बार फिर से पुरानी अदावत शुरू हो गयी थी.
इस बार एक तीसरा गुट सामने आय जो पूर्व मेयर हत्याकांड में चार्जशीटेड भी है. आशुतोष शाही समीर कुमार हत्याकांड में चार्जशीटेड भी थे. हालांकि, पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी थी. उन्होंने समय रहते हाईकोर्ट से जमानत ले लिया था. बीते दिनो जमीन को लेकर आशुतोष शाही और शहर के एक बड़े टेंडर माफिया के बीच अदावत चली जिसके बाद आशुतोष अक्सर आशंकित भी रहा करते थे. वहीं हाल के दिनों आशुतोष शाही शहर के चर्चित व्यवसायिक भाइयों की जोड़ी उधो-माधो के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे थे.
कल्याणी मछली मंडी की जमीन कुछ दिन पहले ही इन लोगों ने खाली करवाकर जमींदोज करवाया. लेकिन बीते दो महीनों में कई प्रॉपर्टी डीलर की हत्याएं हुई, जिसके बाद शहर में कुछ बड़ा होने का अंदेशा दिखने लगा था. आपको बता दें कि आशुतोष शाही ने 2019 के लोकसभा चुनाव से राजनीति में एंट्री भी की थी हालांकि नामांकन करने के बाद भी पर्चा गलत होने में कारण वो चुनाव नहीं लड़ सके थे. आशुतोष शाही बीते काफी दिन से खौफ में थे, लगातार मिल रही धमकियों के बाद उन्होंने सरकारी सुरक्षा गार्ड की मांग की, लेकिन गार्ड नहीं मिलने के बाद उन्हें निजी गार्ड रखना पड़ा था.
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Tags: Bihar News, Crime News, Muzaffarpur news
FIRST PUBLISHED : July 22, 2023, 20:13 IST
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