Sunday, May 11, 2025
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स्तनपान करा रही मजदूरनी को डांट रहा था ठेकेदार, तब राजमिस्त्र ने उठाया यह कदम

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कैलाश कुमार/बोकारो. देश और समाज का भविष्य बच्चों की अच्छी से शिक्षा से ही तय किया जा सकता है. इसी सोच के साथ बोकारो सेक्टर 12 के परशुराम (65) बीते 30 वर्ष से बिरसा नि:शुल्क विद्यालय चला रहे हैं. यहां आमतौर पर दिहाड़ी मजदूरों और कमजोर तबके लोगों के बच्चे पढ़ाई करते हैं. यहां के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए मुफ्त में कॉपी-किताब और स्कूल ड्रेस दिया जाता है.

परशुराम ने लोकल 18 से बताया कि इस स्कूल की स्थापना उन्होंने वर्ष 1992 में की थी. उन्होंने खुद गरीबी देखी है जिस कारण वह सिर्फ पांचवीं तक ही पढ़ पाए हैं. उन्होंने कई वर्ष तक राजमिस्त्री का काम किया. उसी दौरान उन्होंने देखा कि ठेकेदार द्वारा महिला लेबर को बच्चे को स्तनपान के लिए फटकार लगाई जा रही है. इस घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. उन्हें लगा कि गरीबी से संघर्ष कर रहे लोगों का उत्थआन शिक्षा के जरिए ही किया जा सकता है.

उस दिन से वह गरीब बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और अच्छी शिक्षा के लिए जुट गए और 15 बच्चों के साथ उन्होंने नि:शुल्क विद्यालय शुरू की. आज इस विद्यालय में 150 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. परशुराम ने बताया कि नि:शुल्क विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 7 तक की पढ़ाई होती है. यहां रोजाना सुबह 7:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक बच्चे पढ़ाई करते हैं और विद्यालय में 5 शिक्षक हैं, जो कि सेवा भाव से बच्चों को पढ़ाते हैं.

स्कूल के आर्थिक सहयोग पर उन्होंने बताया कि नि:शुल्क विद्यालय को चलाने में बोकारो के लोगों और सामाजिक संस्थाओं का बहुत बड़ा योगदान है. वे नियमित तौर पर दान और सेवा करते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बिना रुकावट चलती है. वहीं आखिर में परशुराम ने बताया कि अगर बिरसा मुंडा नि:शुल्क विद्यालय को सरकारी सहयोग मिल जाए तो इसे आसपास के बच्चों को लाभ होगा और वे पढ़-लिखकर देश के अच्छे नागरिक बन पाएंगे.

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FIRST PUBLISHED : August 11, 2023, 08:13 IST

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