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मो.महमूद आलम/नालंदा.नालंदा में आपको खाना है स्वादिष्ट लौंगलता मिठाई तो आए यहां. शाम ढलते ही खाने वालों की भारी भीड़ होती है. ज़िला मुख्यालय बिहार शरीफ के सोहसराय स्थित किसान कॉलेज छीलकापुर के निकट बुच्ची साव का मिष्ठान भंडार है. जहां कई प्रकार की मिठाइयां बनती है, वो भी शुद्ध घी में. लेकिन यहां का लौंगलता और रसमलाई काफ़ी मशहूर है. जिसे खाने ज़िले के दूर दराज इलाके के अलावा पड़ोसी ज़िले के लोग खाने के साथ पैक कराकर घर ले जाते हैं.
होटल संचालक उमेश चंद्र शाहा ने बताया कि इस दुकान में लौंगलता दो पुश्त से बनती आ रही है. हमारे दादा ने लौंगलता बनाना शुरू किया था. उस वक्त वह ठेले पर बनाते थे, लेकिन जैसे जैसे खाने वालों की भीड़ बढ़ी वैसे आय का श्रोत बढ़ता गया. यह आज से नहीं बल्कि पुराने समय से ही लौंगलता शुद्ध घी में ही बनतीआ रहीहै. जो आज भी चल रहा है. यहां शुद्धता का काफ़ी खयाल रखा जाता है. लौंगलता बनाने के लिए सबसे पहले मैदा को गुनगुना पानी में अच्छे से गूथकर उसे तबा पर बेलन से गोलकार आकर में बेलकर, उसमें खोया भरकर 3 से 5 लपटों में मढ़कर चखूटा शेप बनाया जाता है.उसपर पानी का लेप लगाने के बाद उसके उपर वाले हिस्से में एक लौंग डाला जाता है. फिर उसे शुद्ध घी में दो से ढाई घंटे फ्राई कर चीनी के कीमाम डाल दिया जाता है.हर रोज़ यहां 300 से 350 पीस सिर्फ़ शाम के तीन से 4 घंटे में बिकता है. एक पीस लौंगलता की क़ीमत 18 रुपया है.
देश-विदेश तक जाती है यह मिठाई
उन्होंने आगे यह भी बताया कि खाने के शौकीन ऑर्डर देकर बनवाते हैं और देश विदेश भी ले जाते हैं. लौंगलता एक हफ्ते तक खराब नहीं होता है, न ही उसकास्वाद बदलता है. लौंगलता का व्यापार जब शुरू किया था, उस वक्त अकेले सब कुछ करना पड़ता था. आज यहां पर हमारे अलावा 6 से 7 वर्कर काम करते हैं.सभी को उसका मुनासिब मेहनताना मिलता है. जिससे उनका परिवार चलाता है. इसके अलावा अन्य प्रकार की मिठाई भी शुद्ध घी की बनती है. यहां बच्चे, बड़े, बूढ़े नौजवान सभी खाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2023, 12:17 IST
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