Wednesday, July 16, 2025
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बैद्यनाथधाम में मौजूद है एकमात्र ज्योतिर्लिंग, जहां शिव के साथ विराजमान है शक्ति, जानें इसकी रोचक कहानी

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देवघर. देवघर का बाबा बैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है. मान्यता है कि यहां मांगी गयी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को मनोकामना लिंग भी कहते है. देवघर के बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में पूजा करने से शिव के साथ सती का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. बाबा बैद्यनाथ के मंदिर परिसर में शिव मंदिर के चारों ओर शक्ति रूपेण देवियो का वास है. वहीं देवघर के तीर्थपुरोहित बताते है कि बैद्यनाथधाम की पहचान द्वादश ज्योतिर्लिंग में है. लेकिन इस मंदिर में प्रधानता शक्ति की है.

कैसे हुई मंदिर की स्थापना:

बैद्यनाथधाम के तीर्थपुरोहित दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि यहां माता सती का हृदय गिरा था. जिसके कारण यह पहला शक्तिपीठ और हृदय पीठ भी कहलाया. बाद में जब रावण अपने तप और हठयोग से भगवान शिव को प्रशन्न कर उनके आशीर्वाद से कैलाश पर्वत से शिवलिंग उठाकर लंका ले जा रहे थे तो रावण को रास्ते में लघुशंका आई. रावण ने शिवलिंग को एक चरवाहे को रखने दिया. जिसका नाम बैजनाथ था. बैजनाथ चरवाहे के रूप मे भगवान विष्णु थे. इसके बाद भगवान विष्णु के द्वारा पवित्र शिवलिंग की स्थापना की गई.

52 शक्ति पीठों में शामिल

दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि वैसे तो बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इसके साथ ही इस पवित्र स्थल की मान्यता 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ के रूप में भी है. जहां शिवलिंग स्थापित है. उसके चारों और शक्ति रूपेण देवी स्थापित हैं. यहां दसों महाविद्या का सार्थक और सौम्य स्वरुप विराजमान है. माता पार्वती के साथ-साथ सब देवी यहां शक्ति स्वरूपा विद्यमान है.

चारों तरफ है देवी की शक्तियां

मंदिर प्रांगण स्थित मुख्य मंदिर के सामने त्रिपुर सुंदरी का मंदिर है. उनके बाई और माता संध्या और बगल में मनसा देवी का मंदिर है. इसके ठीक बाद सरस्वती मां का मंदिर है. इनके बगल में मां बगलामुखी, फिर तारा मंदिर, काली मंदिर और अन्नपूर्णा देवी का मंदिर स्थापित है. मान्यता है कि यहां सतयुग से ही शक्ति की उपासना होती है. बड़े-बड़े साधक यहां पर पहुंचते हैं और अपने साधना से बहुत कुछ प्राप्त करते हैं.

शिव शक्ति और भैरव का मिलता है आशीर्वाद

तीर्थपुरोहित बताते हैं कि हर साल लाखों श्रद्धालु देवघर के बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं. इस मंदिर में पूजा करने वाले भक्त को शिव, शक्ति और भैरव की अद्भुत संगम के कारण एक अलग ऊर्जा की अनुभूति होती है. यहां पर मांगी गई सारी मनोकामनाएं पूर्ण अवश्य होती हैं. देवघर का बाबा बैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में से एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां शिव के साथ शक्ति विराजमान है.

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