[ad_1]
अनंत कुमार/गुमला. जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर रायडीह प्रखंड में में स्थित ऐतिहासिक वासुदेव कोना मंदिर की तस्वीर बदलने वाली है. यह भव्य तोरण द्वार, पेबर्स ब्लॉक बिछाया जाएगा. जिससे मंदिर की सुंदरता बढ़ जाएगी. साथ ही 20 सोलर लाइट व एक हाईमास्ट भी लगाया जाएगा. जिससे पूरा मंदिर रोशनी से जगमगाएगा एवं भक्तों के बैठने व आराम करने के लिए सीमेंट की कुर्सी भी बनाई जाएगी और महिला व पुरुष के लिए 2-2 अलग अलग शौचालय बनाए जाएंगे.
डीडीसी हेमंत कुमार सती ने कहा कि गुमला जिला में ऐतिहासिक व पौराणिक बहुत सारी धरोहरें हैं. इन्हीं में से एक हा वासुदेव कोना मंदिर. इससे यहां के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. बहुत लंबे समय से लोग यहां आ-जा रहे हैं. यहां मूलभूत सुविधाओं का आभाव था. यहां सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है. पर्यटन विभाग की ओर से बहुत जल्द ही प्रस्ताव पारित करके कार्य शुरू कराया जाएगा.
20 सोलर लाइट व एक हाईमास्ट भी लगाया जाएगा
यह मंदिर इतना प्राचीन है कि मंदिर और शिवलिंग की स्थापना कब हुई थी इसका कोई प्रमाण नहीं है. यह आज भी रहस्य बना हुआ है. हालांकि, मंदिर के पुजारी के कहे अनुसार वासुदेव मंदिर की स्थापना छठी और सातवीं शताब्दी के आसपास या उससे पूर्व की भी हो सकती है. यह इलाका आदिवासी बहुल है और आदिवासी लोग भी भगवान शिव को देवता मानकर जलाभिषेक करते हैं.
पत्थरों से बना अदभूत मंदिर
मंदिर के पुजारी के महाराज सिंह के अनुसार इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने अपने हाथों से किया है. यह पूरी तरह पत्थरों से बनाया है. मंदिर के निर्माण में सीमेंट, चूना, मिट्टी या रेत का उपयोग नहीं किया गया है. प्राचीन मंदिर होने के कारण इस मंदिर से भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है.
.
Tags: Gumla news, Jharkhand news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 24, 2023, 16:30 IST
[ad_2]
Source link