पाकुड़। झारखंड सरकार की गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हुए 4 साल से अधिक बीत चुके हैं। इस सरकार में गुंडे माफिया कोयला कंपनी के दलाल जमीन माफिया का मनोबल बहुत अधिक बढ़ गया है। जिस वजह से कमजोरों दलितों आदिवासियों एवं सरकारी जमीन हड़पकर उसे प्लाटिंग करके करोड़ों के भाव में बेचकर हेरा फेरी करके अरबों का मालिक बन बैठे हैं। नई-नई चमचमाती गाड़ियों में खरीद कर घूमते नजर आते हैं और आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए हुए हैं। यहां के गरीब, कमजोर वर्ग, आदिवासी दलित, पिछड़ों अल्पसंख्यक अपने- अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि जिस अपेक्षा के साथ हम लोगों ने वोटिंग किया और हम लोगों को कोई फायदा नहीं हुई पेट की भूख की वजह से दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है। और मजदूरी करना पड़ता है। कोयला कंपनी के दलाल आलूबेड़ा क्षेत्र के रोड में दुर्घटना होती है। तब कम बेस पैसा देकर कंपनी के मिली भगत से मिली भगत से करोड़ों के मालिक बने बैठे हैं। एक व्यक्ति रामपुर के भी हैं जो कोयल कंपनी से मिली भगत से अकूत संपत्ति और डंपरों का मालिक बने हुए हैं। इनकी 5 साल की पीछे की जीवनी देखा जाए तो यह लोग बेरोजगार थे। कई बार जेल का हवा खा चुके हैं। इन लोगों को प्रशासन से कोई भय नहीं है। शहर के कई तालाब सरकारी जमीन जबरन हड़पकर उसे प्लाटिंग करके करोड़ों में बेच चुके हैं। सांसद धीरज साहू भी इसी तरह कई कारनामा करके करोड़ों के संपत्ति के मालिक बन बैठे थे। जब उनके यहां छापा पड़ी तो करोड़ों करोड़ों रुपया निकाल कर सामने आया। इससे साफ पता चलता है कि झारखंड में माफियाओं का राज है। गलत काम करके हेरा फेरी करके अकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे हुए हैं। इनकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो भारत सरकार दिल्ली तथा भ्रष्टाचार अन्वेषण ब्यूरो रांची से की जानी चाहिए। तब जाकर आज से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला उजागर होगी।
राष्ट्रीय लोग जनशक्ति पार्टी जिला अध्यक्ष सह राजमहल लोकसभा चुनाव प्रभारी रंजीत कुमार सिंह पाकुड़ ने की है प्रेसविज्ञप्ति।