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जितेंद्र कुमार झा/लखीसराय: बिहार में मॉनसून पूर्ण रूप से सक्रिय हो चुका है. वहीं लखीसराय जिले में बहने वाली क्यूल नदी में गंगा नदी से आने वाली पानी से लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है. क्यूल नदी के किनारे बसे सैकड़ों महादलित परिवार नदी में जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण डर के साए में जी रहे हैं. लखीसराय शहर के मध्य स्थित रेलवे स्टेशन के नीचे की जमीन पर करीब 100 घरों की आबादी वाला महादलित परिवार पिछले 50 वर्षों से रह रहा था. दर्जनों लोगों ने पक्का मकान तक बना लिया था. सरकारी योजनाओं से नल जल का लाभ भी लोग ले रहे थे. लेकिन लखीसराय स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया के विस्तार के साथ ही रेलवे कोर्ट बनाने के उद्देश्य से इन परिवारों को जिला प्रशासन के मौखिक आदेश पर वहां से हटाकर क्यूल नदी के किनारे बसा दिया.
किऊल नदी के किनारे 100 से अधिक परिवार फूस और बांस-बल्ली से घर बनाकर बच्चे के साथ रह रहे हैं, लेकिन लगातार चार दिनों की बारिश के बाद नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हो गई है. जल स्तर में वृद्धि का सिलसिला जारी है. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण महादलित परिवार के लोग सो नहीं पाते हैं. कभी भी नदी का पानी उनके घरों में प्रवेश कर सकता है. रात में यदि जल का स्तर बढ़ कर पानी घर में घुसा तो बड़ा हादसा हो सकता है. जिसके डर से लोग रात जागकर बिताते हैं कि कहीं पानी आकर घर को ना समा जाए.
रतजगा करने को विवश हैं महादलत परिवार के लोग
महादलित परिवार के लोग दिनभर गांव व मोहल्ले सहित शहर की साफ-सफाई करते हैं और रात में भी सोने के बजाय जागकर व्यतीत कर रहे हैं. जिसके चलते तबीयत खराब होने का भी डर बना रहता है. कुछ महिलाओं ने कहा कि बरसात के दौरान पानी के बिना भी नदी में हमेशा डर लगा रहता है. इससे बचाव के लिए जिला प्रशासन और नगर प्रशासन से महादलित परिवारों ने मांग की है. वहीं इसको लेकर लखीसराय नगर परिषद अध्यक्ष अरविंद पासवान ने लोगों को आश्वासन दिया है कि समय से पहले महादलित समुदाय के लोगों को उचित जगह पर रखने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 18, 2023, 14:09 IST
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