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राजकुमार सिंह/वैशाली. जिले की बूढ़ी माई मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर की मान्यता कई जिलों में है. यह बूढ़ी माई गांव वैशाली जिले के हाजीपुर के हरौली गांव में स्थित है. इस मंदिर का नाम बूढ़ीमाई गांव के नाम पर रखा गया है. इस मंदिर को बूढी माई दुर्गा स्थान के नाम से भी जाना जाता है. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से इस मंदिर को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण बूढ़ी माई मेला है, जो मंदिर परिसर में जुलाई और अगस्त के महीने में आयोजित किया जाता है. जो पूरे बिहार के भक्तों को आकर्षित करता है.
सपने में ब्राह्मण को आई थी माई
बताया जाता है कि जिले के तमाम जगह से महिलाओं की भीड़ यहां पहुंचती है. मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना कर अपनी मन्नत मांगती है. बताया जाता है कि नवविवाहिता जोड़ा भी शादी के बाद इस मंदिर में पहुंचकर सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करते हैं.
स्थानीय रवींद्र सिंह बताते हैं कि 200 साल पहले इस मंदिर की स्थापना हुई थी. यहां जो लोग भी पूजा-अर्चना करने आते हैं, उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है. यह मंदिर 200 साल पुरानी है. उन्होंने बताया कियहां एक ब्राह्मण के सपने माता आई थी. माई ने ब्राह्मण से मंदिर की स्थापना के कहा था. ब्राह्मण ने माता की बात सुनकर माता की स्थापना की.
सोमवार और शुक्रवार को होती है अधिक भीड़
वहीं, सराय की रहने वाली बबीता देवी बताती हैं कि मंदिर काफी पुरानी है. जो लोग भी इस मंदिर में मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नत पूरी होती है. हम लोग बहुत दिनों से पूजा-अर्चना करने यहां आते हैं. हम बचपन से ही इस मंदिर के बारे में जानते हैं. तभी से इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं. उन्होंने बताया किआज यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. जिले ही नहीं, बाहर से भी यहां लोग आते हैं. नवविवाहिता जोड़ा भी शादी के बाद अपनी मनोकामना मांगने और मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं. सोमवार और शुक्रवार को अधिक भीड़ रहती है.
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Tags: Bihar News, Local18, Religion 18, Vaishali news
FIRST PUBLISHED : July 13, 2023, 15:17 IST
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