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शशिकांत ओझा/पलामू. पलामू जिला हमेशा से सूखा प्रभावित रहा है. गर्मी के मौसम में गर्मी अधिक पड़ती है. सालों साल जिले में अकाल की भी स्थिति बनी रहती है. पलामू के किसान भुखमरी की स्थिति में पलायन भी करते है. पलामू जिले का एक किसान जो कभी ट्रक चलाता था. आज लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. उसका कहना है की जिले को अकाल से मुक्त करने के लिए वृक्ष खेती करना आवश्यक है. इतना ही नहीं अपने खर्च से लोगों को नि: शुल्क पौधे भी बांटता है.
पलामू जिले के नीलांबर पीतांबरपूर अंतर्गत ग्राम कठोंधा निवासी योगेश प्रसाद सिंह ने नया मुहिम शुरू किया है. इस मुहिम की शुरुआत वो खुद से किए. अपने घर के आस-पास करीब 1.5 एकड़ में फलदार वृक्ष लगाकर अमृत बगान का नाम दिया. योगेंद्र सिंह ने झारखंड लोकल 18 को बताया की वर्ष 2013 से पहले वो ट्रक चलाते थे. असम, नेपाल समेत देश के कई राज्यों में जाते थे. जहां की हरियाली देखकर अपने जिले को भी पेड़-पौधे से अच्छादित करने की शुरूआत की. उन्होंने बताया की गाल के आरामबाग में नर्सरी देख प्रेरणा ली. जिसके बाद से बगीचा और आम समेत सभी प्रकार के पौधे लगाना शुरू किया. अपने अमृत बगान में उन्होंने लंगड़ा आम, मालदाह आम, सुकुल आम, आम्रपाली आम, खास गुलाब आम, 12 मासी आम, अनार , नारियल, लिच्ची, अनार मौसमी, कटहल समेत विभिन्न तरह के पेड़ लगाए हैं. साथ ही विदेश में सबसे महंगा बिकने वाला आम अल्फाइन कोलकाता से लाकर अपने बगान में लगाए है.
500 से अधिक लोगो को पौधे बांट चुके
योगेश ने बताया की बड़ी-बड़ी गाडियां लेकर वो असम असम , सिल्लीगुड़ी, रक्सौल, गुआहती, नेपाल जाते थे. जहां से जो पौधे मिलते उसे अपने बगान में लाते थे. आज गाडिय़ां छोड़ घर-घर घूमकर पेड़ लगाने के प्रति लोगों को जागरूक करते है. उन्होंने बताया कि अब तक 500 से अधिक पौधे बांट चुके है. साथ ही रांची, रामगढ़, बगोदर के रहने वाले लोग भी मेरे पास से पौधे ले गए है. पलामू में वर्षा नहीं होने से किसान परेशान रहते है. अगर किसान पेड़ों की खेती करे तो वर्षा भी होगी और फलदार वृक्ष से किसानों को लाभ भी होगा.
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Tags: Jharkhand news, Local18, Palamu news
FIRST PUBLISHED : July 10, 2023, 21:48 IST
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