मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में मॉनसून प्रवेश कर चुका है। वहीं 25 जून से भारी बारिश की संभावना भी जतायी गयी है। भारी बारिश के बीच बिजली गिरने की भी बात कही गयी है। वहीं आज से राज्य के स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। भारी बारिश और बिजली गिरने के पूर्वानुमान के बीच एक बार फिर स्कूलों की सुरक्षा को लेकर चिंता सामने आ रही है। सुरक्षा की यह चिंता आकाशीय बिजली गिरने की है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य के सरकारी स्कूलों में तड़त चालक है ही नहीं। बीते 10 सालों में राज्य के अधिकांश स्कूलों में लगे तड़ित चालक या तो काम नहीं कर रहे हैं या फिर चोरी हो चुके हैं।
18 जिले के स्कूल से 11544 तड़ित चालक हो चुके चोरी
बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में लगभग 10 साल पहले तड़त चालक लगाए गए थे। इसके बाद से स्कूलों में लगे तड़ित चालक या तो खराब हो गए या फिर चोरी हो गए हैं। आंकड़े के मुताबिक राज्य के 18 जिले में लगे 11544 तड़ित चालक चोरी हो चुके हैं। स्कूलों की ओर से चोरी गए तड़ित चालकों को लेकर एफआइआर दर्ज कराया जा चुका है। आंकड़े में देखें तो रांची से 1158, लातेहार से 100, हजारीबाग से 1324, रामगढ़ से 560, पलामू से 1700, गुमला से 342, सिमडेगा से 135, गढ़वा से 107, लोहरदगा से 162, गोड्डा से 450, जामताड़ा से 850, पाकुड़ से 400, जमशेदपुर से 910, देवघर से 508, धनबाद से 368, बोकारो से 680, साहिबगंज से 590 और चतरा से 1200 तड़ित चालक चोरी हो चुके हैं।
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आवासीय स्कूलों को लेकर चिंता अधिक
दरअसल आसमानी बिजली गिरने का खतरा तो किसी भी स्कूल में लगा रहता है, लेकिन आवासीय स्कूलों को लेकर चिंता अधिक नजर आती है। इन स्कूलों में बच्चे रहते हैं। तड़ित चालक नहीं लगे होने की वजह से इन स्कूलों में खतरा बना रहता है। हालांकि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव की मानें तो स्कूलों में तड़ित चालक जल्द ही लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार है। अब देखना होगा कि सरकारी स्कूलों में तड़ित चालक कब तक लगाए जाते हैं। जब तक स्कूलों में तड़ित चालक नहीं लगते तब तक मॉनसून के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा।
14 साल पहले हाईकोर्ट ने लगाने का दिया था आदेश
ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को सुरक्षित रखने के प्रयास नहीं किए गए हैं। आज से लगभग 14 साल पहले मार्च 2009 में झारखंड हाईकोर्ट ने छह महीने के भीतर स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का आदेश दिया था। तब शिक्षा परियोजना की ओर से ग्राम शिक्षा समिति को 34 हजार रुपये प्रति तड़ित चालक उपलब्ध कराया गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्कूलों में तड़ित चालक लगाया भी गया। तब भी बड़ी संख्या में स्कूल तड़ित चालक विहिन ही रहे। जिन स्कूलों में लगा वहां से चोरी हो चुके हैं।
सात साल में 1549 लोगों की हो चुकी है मौत
आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े के मुताबिक राज्य में मौसमी बिजली गिरने से बीते सात साल में 1549 लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2023 में मई तक के आंकड़े के मुताबिक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2017 में 256, 2018 में 261, 2019 में 283, 2020 में 322, 2021 में 343 और 2022 में 57 लोगों की मौत आसमानी बिजली गिरने से हुई है।