[ad_1]
नई दिल्ली. मक्के की लहलहाती फसल (Maize Crop) को बर्बाद करने यूपी-बिहार और एमपी (UP-Bihar and MP) होते हुए अमेरिकी कीट ‘स्पोडोप्टेरा फ्रुगीपर्डा’ (Spodoptera Frugiperda), जिसे फॉल आर्मीवर्म कीट के नाम से भी जाना जाता है झारखंड (Jharkhand) पहुंच चुका है. इससे झारखंड के लाखों हेक्टेयर जमीन पर मक्का का फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है. बता दें कि स्पोडोप्टेरा फ्रुगीपर्डा मक्के के पत्ती में छेद कर फसल को 15-20 दिनों के अंदर ही बर्बाद कर देता है. यह कीट मक्के की बाली पर मल-मूत्र त्याग कर गंदा कर देता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो रही है.
झारखंड के रांची सहित रामगढ़, हजारीबाग, धनबाद, गढ़वा सहित कई और जिलों में यह अमेरकी कीट स्पोडोप्टेरा फ्रुगीपर्डा फसल को नुकसान पहुंचा रहा है. झारखंड में धान के बाद मक्के की पैदावार सबसे अधिक होती है, लेकिन इस बार मौसम के मार के बाद यह कीट भी मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. रांची के कई किसानों के खेतों में मक्के की फसल अचानक ही खराब होने लगी है.
विज्ञापन
मक्के की फसल ऐसे हो रही बर्बाद
बता दें कि देश में पहली बार यह अमेरकी कीट कर्नाटक में देखा गया. इसके बाद स्पोडोप्टेरा फुर्डीपर्डा के प्रकोप से यूपी-बिहार प्रभावित हुआ. यहां के लाखों किसान अभी भी इससे उबन नहीं पाए हैं. पूसा कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक अमित कुमार कहते हैं, कर्नाटक, यूपी, बिहार के बाद अब झारखंड में भी मक्के की फसल बर्बाद हो रहा है. यह एक विनाशकारी कीट है. अगर फसल को सुरक्षित रखना है तो समय पर कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही और भी जरूरी उपाए को अपनाना चाहिए. यह धान, बंदगोफी, चुकंदर, गन्ना, मुंगफली, सोयाबीन, प्याज, टमाटर और आलू की फसल को भी बर्बाद कर देता है. यह कीट पत्ते पर अंडा देता है और पत्तियां खाकर ही जिंदा रहता है. जैसे-जैसे यह कीट बड़ा होता है मक्के के तने और दानों को भी खा जाता है.’
स्पोडोप्टेरा फुर्जीपर्डा मक्के के पत्ती में छेद कर फसल को 15-20 दिनों के अंदर ही बर्बाद कर देता है.
जानें इस खतरनाक कीट के बारे में
बिहार, यूपी और देश के कई राज्यों में मक्का की फसलों पर फॉल आर्मीवर्म कीट से किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है. पिछले तीन-चार सालों से इस अमेरिकी कीट ने किसानों का करोड़ों रुपये का नुकसान कराया है. मक्का की फसल पर फॉल आर्मीवर्म कीट के अटैक की जानकारी के बाद केंद्र सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है.
ये भी पढ़ें: अगर बीमा एजेंट ने गलत जानकारी देकर बेची है पॉलिसी तो अब आपको इस आधार पर मिलेगी पूरी रकम
मक्के पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार तापमान में हो रहे बदलाव का असर मक्का की फसलों पर ज्यादा पड़ रहा है. इस फॉल आर्मीवर्म कीट के कारण मक्का की फसल के तने को नुकसान पहुंचता है और पौधे में वृद्धि रुक जाती है. इसलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि वह मक्के को बचाने के लिए क्लोरोपाइरीफॉस और साइपर मैथीन के घोल का स्प्रे जरूर करें. इसके अतिरिक्त किसान कोरोजीन का स्प्रे भी कर इस खतरनाक कीट से बचा सकते हैं.
.
Tags: Agriculture, Crop, Farmers, Jharkhand news
FIRST PUBLISHED : July 03, 2023, 14:40 IST
[ad_2]
Source link