Friday, May 16, 2025
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बिहार में यहां कैदियों के यह अभियान बना वरदान! जानिए पूरा मामला

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गौरव सिंह/ भोजपुर.बिहार के आरा में मौजूद जेल में बंद कैदियों को साक्षर करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है.अब तक सैकड़ों कैदियों को साक्षर किया जा चुका है. जो बिल्कुल ही अनपढ़ कैदी है, उनके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. नाम लिखना, शुरुआत गिनती और अल्फाबेट्स की जानकारी के साथ हस्ताक्षर करने को जेल प्रसाशन द्वारा साक्षर माना जाता है.

जेल अधीक्षक गौरव कुमार के द्वारा मंडल कारा आरा में सभी बंदी हो साक्षर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान की शुरुआत जेल अधीक्षक द्वारा मार्च 2023 से शुरू किया गया है. जेल अधीक्षक गौरव कुमार के द्वारा चलाए जा रहे साक्षर अभियान का मुख्य उद्देश्य है की जो भी बंदी निरक्षर हैं, वह मंडल कारा आरा से मुक्त होकर जाए तो साक्षर होकर निकले. ताकि रिहा होने के बाद मुख्य धारा से जुड़ते हुए अपने और अपने परिवार बाल-बच्चों के जीवन यापन करने के लिए कुछ कर सके.

शिक्षा इंसान के लिए बहुत जरूरी है

समाज में उनको भी जीने के लिए या फिर कुछ करने का बराबर का अधिकार मिल सके. शिक्षा कोई भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होता है. बिना शिक्षा के इंशान का विकाश होना सम्भव नही है. शिक्षित होकर जेल से मुक्त होकर जाने के बाद बन्दी को गलत काम करने की मंशा दुबारा उनके मन में नही होगी. जिससे अपराध पर भी नियंत्रण होगा. साक्षर अभियान में बंदी बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी ले रहे है मेहनत और लगन के साथ शिक्षित भी हो रहे है.

बंदियों के चलाया जा रहा है साक्षर अभियान

जेल अधीक्षक गौरव कुमार ने बताया की मार्च 2023 से मंडल कारा आरा में बंदियों को साक्षर बनाने के लिए साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें मार्च 2023 से 31 जुलाई 2023 तक कुल 900 बंदियों को साक्षर बनाया गया है. 12 दिसंबर 2023 तक को कारा दिवस मनाया जाता है. उस तिथि तक सभी बंदीयो को साक्षर बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है और इसे पूरा भी कर लिया जायेगा. स्वालंबन योजना के माध्यम से मंडल कारा आरा में प्रतिदिन बंदियों के लिए कुछ न कुछ नए-नए क्रायक्रम चलता रहता है. जिससे बंदी जेल से मुक्त होने के बाद समाज के मुख्य धारा से जुड़ सके और अपनी जिंदगी की शुरुआत नए तरीके से कर सके.

जब जेल के अंदर बंदी आए थे तो अंगूठा छाप थे. इस अभियान के बाद जब जेल से कैदी मुक्त होकर जा रहे हैं, तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर जा रहे है. यह जेल के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. बंदियों को लिखने -पढ़ने से संबंधित सभी जरूरी सामानों कॉपी ,कलम और किताब की ब्यवस्था जेल प्रशासन करती है. बंदीयो के लिए जेल के अंदर स्वक्षता, स्वालंबन, स्वास्थ्य, साक्षरता, स्वरोजगार और कारा सौन्दरिकर्ण करण योजना को भी चलाया जा रहा है.
रजिस्टर पर कैदी लिख जाते हैं मन की बात

सभी साक्षर बंदियों के लिए एक रजिस्टर बनाया गया है. जिसपर जेल से मुक्त होकर जाने के बाद बंदी अपना हस्ताक्षर या फिर कुछ लेख वैगरः लिख जाते है. जो उनके और जेल प्रशासन के लिए एक यादगार का पल होता है. इस रजिस्टर पर कैदियों के द्वारा लिखी गई लाइन से साक्षर कैदियों की पहचान की जाती है. अब तक 900 कैदी साक्षर होने का प्रमाण दे कर जा चुके है.

Tags: Bhojpur news, Local18

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