Sunday, May 11, 2025
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BRI प्रोजेक्ट को मिट्टी में मिला देगा ये देश, भारत के दोस्त ने निकाली चीन-पाकिस्तान के जश्न की हवा

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पाकिस्तान और चीन ने महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत सहयोग बढ़ाने और काम में तेजी लाने के लिए छह महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

अमेरिका की टक्कर में खुद को खड़ा करने की कोशिश में चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव यानी बीआरआई के जरिए दुनिया के कई देशों में करोड़ों डॉलर के प्रोजेक्ट शुरू किए थे। पाकिस्तान में शुरु हुए बीआरआई के प्रोजेक्ट सीपीईसी के दस साल पूरे हो गए हैं। दोनों मुल्क इसका जश्न भी मना रहे हैं। लेकिन इसी जश्न में इटली ने पलीता लगा दिया है और चीन के बीआरआई की पोल खोल दी है। गौर करने वाली बात ये है कि इटली यूरोप का एकलौता देश है जो चीन के इस प्रोजेक्ट में शामिल हुआ था। इटली के रक्षा मंत्री गोइदो प्रोस्टो ने एक इंटरव्यू में कहा है कि चीन के इस फैसले में शामिल होना तबाह करने वाला फैसला था। उन्होंने कहा कि ये फैसला जल्दबाजी में ले लिया गया था।

 चीन के प्रोजेक्ट से  बाहर होना चाहता है इटली

इटली के डिफेंस मिनिस्टर ने ऐसा कहने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि इस फैसले से चीन को तो फायदा मिला और उनका निर्यात हमारे यहां काफई बढ़ गया। लेकिन मुझे एक्सपोर्ट का फायदा नहीं मिल सका। इटली के नेता ने कोरिया डेला सेरा न्यूज पेपर को दिए इंटरव्यू में कहा कि नए सिल्क रोड में शामिल होने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया। ये तबाह करने वाला कदम था। उनका ये बयान चीन से उलट है। पिछले दिनों चीन ने कहा था कि बीआरआई से दोनों देशों को लाभ हो रहा है। दरअसल, इटली अब चीन के इस प्रोजेक्ट से बाहर होना चाहता है। 

चीन और पाकिस्तान मना रहा सीपीईसी के 10 सालों का जश्न

पाकिस्तान और चीन ने महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत सहयोग बढ़ाने और काम में तेजी लाने के लिए छह महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के उप प्रधानमंत्री ही लीफंग सीपीईसी के 10 साल पूरे होने पर आयोजित हस्ताक्षर समारोह के दौरान मौजूद थे। सीपीईसी में कई निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा और अन्य परियोजनाएं शामिल हैं, जिन पर 2013 से पूरे पाकिस्तान में काम चल रहा है। ये समझौते एक विशेषज्ञ विनिमय तंत्र की स्थापना, चीन को सूखी मिर्च निर्यात करने, राजमार्ग परियोजनाओं और औद्योगिक श्रमिक विनिमय कार्यक्रम से संबंधित हैं। 

पाकिस्तान के जरिए भारत को घेर रहा चीन

सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिंजियांग प्रांत को जोड़ती है। यह चीन की अरबों डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है। भारत सीपीईसी को लेकर चीन के समक्ष विरोध जता चुका है क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है। शरीफ ने इस मौके पर कहा कि हस्ताक्षरित दस्तावेजों का उद्देश्य पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि अब तक पाकिस्तान के बिजली और जल विद्युत क्षेत्र, सड़क बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक परिवहन में सीपीईसी के तहत 25 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है।

पाकिस्तान को पुचकार रहा चीन

चीन के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्ते पर कहा कि दोनों ही देश अपनी प्लानिंग में सुधार लाएंगे और सहयोग को और ज्यादा मजबूत करेंगे। शी ने कहा कि सीपीईसी उनके बेल्ट एंड रोड परियोजना का बेहद अहम प्रोजेक्ट है।  उन्‍होंने कहा कि चीन पाकिस्‍तान के साथ मिलकर सीपीईसी को और ज्‍यादा मजबूत बनाएगा जिससे यह बीआरआई का ऐसा प्रॉजेक्‍ट बन जाएगा जो दुनिया के लिए उदाहरण होगा।

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