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नीरज कुमार/बेगूसराय: खेती-किसानी को अक्सर लोग घाटे का प्रोफेशन मानते हैं. हालांकि, इस वहम को प्रगतिशील किसानों ने कई बार दूर किया है. बेगूसराय के बिक्रमपुर के रहने वाले प्रगतिशील किसान रामविलास साह सब्जियों से कमाई के मामले में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी पीछे छोड़ दिया है. इन दिनों रामविलास साह की पहचान बेगूसराय जिला मेंभिंडी उत्पादक किसान के रूप में हो रही है. वहीं उनकी कमाई की बात की जाए तो एक कट्ठा से ही हर दो दिन पर 2 हजार की कमाई कर लेते हैं. वहीं रामविलास साह द्वारा उत्पादित भिंडी का बाजार मूल्य 20 रुपए से लेकर 70 किलो तक रहता है.
रामविलास साह ने बताया कि 10 साल पूर्व तक राजस्थान के कोटा में काम करते थे. छठ पर्व की छुट्टी में गांव आए थे. गांव में देखा कि दो पड़ोसी किसान सब्जी के खेतीकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्हीं से खेती करपे का तरीका और कमाई का आईडिया सीखा. इसके बाद पहली बार एक कट्ठा में भिंडी की खेती की. वहीं एक महीने में ही कमाई 30 हजार से अधिक हो गई. इसके बाद प्रदेश जाने की आज तक नहीं सोचे हैं. वर्तमान समय में रामविलास एक एकड़ में भिंडी की खेती कर रहे हैं. साल के 5 से 6 महीने तक भिंडी का उत्पादन होता है. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों से सोनालिका प्रजाति की भिंडी का उत्पादन कर रहे हैं.
10 लाख से ज्यादा की होती है कमाई
किसान रामविलास साह ने पहले एक कट्ठा में भिंडी खेती की शुरुआत की थी. अब वह कुल 1 एकड़ में भिंडी की खेती कर रहे हैं. अपनी खेती-किसानी से 6 महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. वहीं किसान रामविलास साह के मुताबिक महीने के 30 दिन में 20 दिन भिंडी को तोड़ते हैं. उन्होंने बताया कि एक कट्ठा में एक बार तोड़ने पर 40 किलो से लेकर 60 किलो तक भिंडी निकलता है. ऐसे में एक बार में 2 हजार तक की कमाई हो जाती है. वहीं एक कट्ठे में भिंडी की खेती करने पर 3 हजार खर्च आता है. किसान रामविलास साह ने बताया कि एक एकड़ में भिंडी की खेती कर छह माह में हीं 10 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है. रामविलास साह किसानों को सब्जी की खेती करने के लिए लगातार प्रेरित भी करते रहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2023, 18:23 IST
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