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बिहार के पूर्वी चंपारण में छेने की जलेबी मशहूर है. चंपारण ही नहीं, बल्कि मुंबई और दुबई तक इसके स्वाद के लोग शौकीन हैं. छेने से बनाई जाने वाली यह जलेबी एक बार बनकर चाशनी से निकलने के बाद लगभग 3 दिनों तक खाने लायक रहता है. यहां अधिकांश लोग इसे मलाई एवं दही के साथ खाना पसंद करते हैं. रिपोर्ट-नकुल कुमार
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पूर्वी चंपारण के मोतिहारी प्रखंड अंतर्गत मधुबनी घाट रोड में सिरसा चौक पर मशहूर छेना जलेबी बनाई जाती है.
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छेना जलेबी बनाने के लिए सबसे पहले दूध को गर्म करके उससे छेना निकाला जाता है. इस छेने को लगभग 20 मिनट तक हाथ से मथा जाता है.
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छेना जलेबी बनाने के तीसरे चरण में एक निश्चित समय तक उसे रिफाइंड में तला जाता है.
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लगभग 15 मिनट तक रिफाइंड में पकने के बाद छेना जिलेबी में लालिमा आने लगती है. उसके बाद इसे निकालकर चीनी की चाशनी में रखा जाता है.
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चीनी की चाशनी से निकलने के बाद गरमा गरम छेना जलेबी खाने के लिए तैयार हो जाती है.
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छेना जलेबी कई प्रक्रिया के बाद प्लेट में पहुंचती है. स्थानीय दुकानदार के अनुसार उनके अधिकतर ग्राहक मलाई अथवा दही के साथ ही छेना जलेबी खाना पसंद करते हैं.
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