गोड्डा. गोड्डा के शिवपुर स्थित बाबा रत्नेश्वर नाथ धाम मंदिर में सावन में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. पुत्र की प्राप्ति के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना कर भगवान शिव से पुत्र रत्न की मांग करने वालों को फल जरूर मिलता है. इसी इस वजह से ही इस मंदिर का नाम बाबा रत्नेश्वर नाथ मंदिर पड़ा है.
मंदिर के पुजारी विवेकानंद ठाकुर ने बताया कि यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है. जहां भक्तों की हर एक मनोकामनाएं पूर्ण होती है. पूरे सावन हर सोमवारी को करीब 10 हज़ार लोग यहां पूजा के लिए पहुंचते हैं. इसके साथ इस मंदिर में तीन शिवलिंग की पूजा होती है. जिनमें बाबा रत्नेश्वर नाथ, बाबा कपलेश्वर नाथ और बाबा धनेश्वर नाथ शामिल हैं.
यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना
मंदिर में पूजा करने आए भक्त महेंद्र सिंह ने बताया कि वह गोड्डा के गलजारबाग के रहने वाले हैं और 12 वर्ष पहले उन्होंने इस मंदिर में सावन के महीने में पोता मांगा था. जिसके बाद उन्हें पोता की प्राप्ति हुई और तब से लेकर अब तक वह सावन में नियमित रूप से बाबा पर जल चढ़ाते आ रहे हैं.उन्होंने बताया कि इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. पहले यह मंदिर बीच जंगल में हुआ करता था. जहां कुछ लोग ही पूजा करने आते थे. जिसके बाद सन 1900 के करीब बनेली स्टेट के राजा के द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया और यह मंदिर की इमारत बनाई गई. जहां आज के समय में झारखंड बिहार के कई जिलों से लोग सावन के महीने में जल चढ़ाने के लिए आते हैं.
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