Thursday, July 3, 2025
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बिहार के इस कड़क IAS ने दिखाया पावर, शिक्षा मंत्री के PA की ही विभाग में इंट्री बैन, जानें माजरा 

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पटना. बिहार के शिक्षा विभाग में इन दिनों अजीबोगरीब खेल जारी है. खेल में एक ओर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हैं तो दूसरी ओर विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिहार के कड़क आईएएस अधिकारी केके पाठक. शिक्षा मंत्री ने अपने आप्त सचिव से केके पाठक के खिलाफ पीत पत्र लिखवाया तो उसके जवाब में शिक्षा विभाग ने मंत्री के आप्त सचिव (PA) को शिक्षा विभाग में घुसने पर ही रोक लगा दी. बिहार में एक ओर शिक्षा की स्थिति चौपट है तो दूसरी ओर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आमने-सामने हैं.

इन दोनों के बीच की लड़ाई अब सतह पर दिखने लगी है. पीत पत्र के जरिए एक दूसरे पर कीचड़ भी उछाला जा रहा है. पहले मंत्री के आप्त सचिव ने पत्र जारी किया तो उसका करारा जवाब देते हुए शिक्षा विभाग ने मंत्री के आप्त सचिव कृष्ण नंद यादव को शिक्षा विभाग में घुसने पर ही रोक लगा दिया.
शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी के द्वारा शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर के आप्त सचिव के पत्र का जवाब दिया गया. जवाब में साफ तौर पर लिखा गया कि पिछले 1 सप्ताह से आपके द्वारा भांति-भांति के पत्र विभाग के पदाधिकारियों को भेजे गए हैं.

इस लेटर में लिखा गया है कि पहले भी आपको मंत्री के आप्त सचिव के तौर पर अधिकारियों से पत्राचार नहीं करने का निर्देश दिया गया था लेकिन आपके लगातार जारी अनर्गल पत्र और विवेकपूर्ण बातों से पता चलता है कि आपको माननीय मंत्री के प्रकोष्ठ में अब कोई काम नहीं है और आप व्यर्थ में पत्र लिखकर विभाग और विभाग के पदाधिकारियों का समय नष्ट कर रहे हैं .

पत्र में आगे लिखा गया कि आपकी सेवाएं लौटाने के लिए सक्षम प्राधिकार को विभाग पहले ही लिख चुका है. विभाग के द्वारा यह निर्देश किया जाता है कि अब आप शिक्षा विभाग के कार्यालय में भौतिक रूप से प्रवेश नहीं कर सकते हैं. विभाग को यह भी पता चला है कि आप विभाग पर मुकदमा कर चुके हैं, इसलिए आप खुद विभागीय मंत्री के प्रकोष्ठ में काम करने के लायक नहीं है और आप को हटाने के लिए सक्षम प्राधिकार को पत्र लिखा जा चुका है.

शिक्षा विभाग के पत्र में यह भी लिखा गया कि आप स्वयं या अपने संरक्षक जिनके कहने पर यह तथाकथित पीत पत्र लिख रहे हैं क्या आप पूरी प्रक्रियाओं से अवगत हैं. विभाग ने अभी निर्देश निर्गत करते हुए कहा कि आपके द्वारा लिखे गए पीत पत्र को तुरंत लौटा दिया जाए और आगे से आप व्यर्थ का पत्राचार ना करें और अपने नाम के आगे जो डॉक्टर लगाते हैं उसका सबूत दें कि क्या आप वाकई किसी उच्च शिक्षण संस्थान में प्राध्यापक रह चुके हैं.

हालांकि इस पीत पत्र के खेल में ना तो अभी केके पाठक ने कोई बयान दिया है और ना ही शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर ने लेकिन इस पर सियासत जरूर जारी है. जदयू इस मुद्दे पर केके पाठक के साथ खड़ी नजर आ रही है तो आरजेडी के लोग अपने मंत्री चंद्रशेखर के साथ.

Tags: Bihar News

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