सोहराय महोत्सव में नृत्य-संगीत की धूम
पाकुड़। जिले में आयोजित तीन दिवसीय सोहराय महोत्सव का समापन नृत्य और संगीत के भव्य आयोजन के साथ हुआ। यह कार्यक्रम बाजार समिति प्रांगण में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था। समापन समारोह में जिला उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। दोनों अधिकारियों ने पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों का हिस्सा बनकर महोत्सव में चार चांद लगाए।
उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने दिखाया आदिवासी संस्कृति से लगाव
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समापन समारोह के दौरान उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने तीर-कमान चलाकर पारंपरिक आदिवासी परंपराओं को जीवंत किया। उनके द्वारा निशाना साधने की कला ने वहां उपस्थित लोगों को खासा प्रभावित किया। इसके अलावा, दोनों अधिकारी मैदान में पतंग उड़ाते हुए भी नजर आए, जो इस महोत्सव को और अधिक खास बना गया। उनकी सहभागिता से स्थानीय लोगों में सांस्कृतिक उत्साह और जुड़ाव की भावना प्रबल हुई।
कलाकारों ने बांधा समां
महोत्सव के अंतिम दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय और बाहरी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पारंपरिक नृत्य, आदिवासी गीत और वाद्य यंत्रों की धुनों ने पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने न केवल आदिवासी संस्कृति को मंच पर जीवंत किया बल्कि दर्शकों के बीच एक नई ऊर्जा का संचार किया।
खचाखच भीड़ और उत्साह का माहौल
समापन समारोह में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। बाजार समिति का मैदान खचाखच भरा हुआ था, और हर कोई उत्साह और उमंग से भरा नजर आ रहा था। लोगों का उत्साह ऐसा था कि वे कलाकारों की एक झलक पाने के लिए आतुर थे। इस आयोजन ने स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का प्रयास
तीन दिवसीय सोहराय महोत्सव का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को सहेजना और नई पीढ़ी को उनसे जोड़ना था। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम बना बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी साबित हुआ। महोत्सव के सफल आयोजन ने लोगों को एक मंच पर लाकर समुदाय के बीच आपसी सौहार्द और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा दिया।