Saturday, April 26, 2025
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मेडिएटर अधिवक्ताओं के लिए प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

पाकुड़ में आज झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देश पर मेडिएटर अधिवक्ताओं के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ की सचिव रूपा बंदना किरो के कक्ष में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह ने की। इस महत्वपूर्ण आयोजन में जिले के सभी मेडिएटर अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

धारा 89 और ऑर्डर 10 रूल 1, 2, 3 पर विस्तृत चर्चा

कार्यक्रम के दौरान पीडीजे शेष नाथ सिंह ने उपस्थित मेडिएटर अधिवक्ताओं को धारा 89 तथा ऑर्डर संख्या 10 रूल 1, 2 और 3 के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार अदालतें वादों का निपटारा मध्यस्थता (मेडिएशन) के माध्यम से कर सकती हैं, ताकि न्यायिक प्रक्रिया को सरल, त्वरित और कम खर्चीला बनाया जा सके। इस दौरान उन्होंने कानूनी प्रावधानों की व्याख्या करते हुए मेडिएटर की भूमिका, कार्यशैली और जिम्मेदारियों पर विशेष प्रकाश डाला।

मेडिएटर अधिवक्ताओं की समस्याओं से हुए अवगत

प्रशिक्षण सत्र के दौरान शेष नाथ सिंह ने मेडिएटर अधिवक्ताओं की समस्याओं को भी गंभीरता से सुना। उन्होंने उपस्थित अधिवक्ताओं से संवाद करते हुए उनके अनुभवों, चुनौतियों और कठिनाइयों को समझने का प्रयास किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन समस्याओं का समाधान तलाशने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि मध्यस्थता प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

सहानुभूति और पेशेवर व्यवहार की सलाह

कार्यक्रम में पीडीजे शेष नाथ सिंह ने मेडिएटर अधिवक्ताओं को सलाह दी कि वे वादकर्ताओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण और पेशेवर व्यवहार अपनाएं। उन्होंने कहा कि मेडिएशन प्रक्रिया में पक्षकारों के साथ धैर्य और संवेदनशीलता के साथ पेश आना आवश्यक है, ताकि उनका विश्वास कायम रहे और विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान संभव हो सके।

समय पर सुलह-समझौते पर दिया बल

उन्होंने सभी मेडिएटर अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक वादों का समयबद्ध तरीके से सुलह-समझौते के माध्यम से निपटारा करें। उन्होंने कहा कि वादों का शीघ्र समाधान न केवल अदालतों पर बोझ कम करेगा, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द भी स्थापित करेगा। इस दिशा में कार्य करते हुए मेडिएटर समाज के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

कार्यक्रम में सभी मेडिएटर अधिवक्ताओं की सहभागिता

इस अवसर पर सचिव रूपा बंदना किरो के साथ-साथ जिले के सभी मेडिएटर अधिवक्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायक संदेश के साथ हुआ, जिसमें सभी अधिवक्ताओं से आग्रह किया गया कि वे मध्यस्थता प्रक्रिया को जन-जन तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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