पाकुड़ । खुशहाल बचपन अंतर्गत अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु 51 आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका एवं महिला पर्यवेक्षिका को डायट भवन सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया
इस कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त वरुण रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अंजू कुमारी के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस प्रशिक्षण का संचालन पीरामल फाउंडेशन के सुदीप्तो हाजरा ने किया
एक समय आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के लिए खिचड़ी वितरण केंद्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब इसका स्वरूप बदल रहा है। उपायुक्त वरुण रंजन की पहल पर आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित अनौपचारिक शिक्षा को प्री नर्सरी स्कूल के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इन केंद्रों के जरिए बच्चों को स्कूल जाने के लिए तैयार किया जा रहा है। खुशहाल बचपन कार्यक्रम के तहत बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित किया जा रहा है। शनिवार को खुशहाल बचपन अंतर्गत अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु 51 आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका एवं महिला पर्यवेक्षिका को डायट भवन सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उपायुक्त वरुण रंजन ने बताया कि बच्चों को पोषण आहार देने के साथ ही शिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए जिले के 51 आगंनबाड़ी केंद्र के सेविका और महिला पर्यवेक्षिका को प्रशिक्षण दिया गया है। जिला प्रशासन प्रथम चरण में 51 आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर आंगनबाड़ी केंद्र को प्री नर्सरी स्कूल के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। यहां सारी व्यवस्था की जा रही है। बच्चों के पढ़ने-लिखने, खेलने कूदने के अलावा उनके मनोरंजन का इंतजाम किया जा रहा है है।
उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु 3 से 4 वर्ष एवं 4 से 5 वर्ष के बच्चों के मानसिक विकास, बौद्धिक विकास, शारीरिक विकास एवं सामाजिक भावनात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट प्री नर्सरी स्कूल के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार की गई है एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित सभी बच्चों को जिला प्रशासन के द्वारा पाठ्य पुस्तिका, बैग, वाटर बोतल, स्टोन बॉक्स, ड्रेस आदि उपलब्ध कराया गया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2023-24 में खुशहाल बचपन अंतर्गत सिलेबस के अनुरूप अनौपचारिक शिक्षा सभी बच्चों को दी जाएगी एवं महिला पर्यवेक्षिका द्वारा इसका कंटीन्यूअस मॉनिटरिंग किया जाएगा।