Thursday, May 15, 2025
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रांची में 9-10 अगस्त को होगा आदिवासी महोत्सव, ट्राइबल फैशन शो व खान-पान रहेगा आकर्षक का केंद्र

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शिखा श्रेया/रांची. कल यानी बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस है. इसको लेकर झारखंड में अलग तरह का उत्साह देखा जा रहा है. झारखंड को आदिवासियों का राज्य भी कहा जाता है. इस अवसर पर राजधानी रांची के बिरसा मुंडा उद्यान में दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया गया है. बुधवार को इसका आगाज होगा.

झारखंड सरकार के द्वारा रांची में आदिवासी महोत्सव का आयोजन कराया जा रहा है. 9 और 10 अगस्त को जेल चौक स्थित बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान संग्रहालय में इसका आयोजन किया जा रहा है. इसकी तैयारी को लेकर सोमवार को अपर सचिव आदिवासी कल्याण अजय नाथ झा ने कार्यक्रम स्थल का दौरा किया. उनके साथ प्रतिनियुक्ति सभी जिला स्तर अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे.

आदिवासी कल्याण विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इस बार महोत्सव में कुल 72 स्टाल लगाए जा रहे हैं. इनमें आदिवासी संस्कृति की झलक दिखेगी. आदिवासी परिधान से लेकर आदिवासी कलाकृति व आदिवासी खान-पान मुख्य तौर पर मौजूद रहेगी. कार्यक्रम के दौरान आदिवासी फैशन शो का भी आयोजन होगा जिसमें ट्राइबल युवा अपने इंडिजिनियस फैशन का जलवा बिखेरेंगे.

इसके अलावा स्टॉल के जरिए लोगों को झारखंड में फिलहाल चल रहे कई सारे स्कीम और योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी.जैसे गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना, सारथी योजना, फूलों झानो योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम के बारे में खास तौर पर जानकारी मिलेगी.इसके अलावा अन्य विभागों के भी स्टॉल लगेंगे.जिसमें विभागीय स्कीम की जानकारी लोग आसानी से ले पाएंगे.

रीझ रंग रसिका रैली होगा खास

इस बार रीझ रंग रसिका रैली देखने को मिलेगी. यह रैली 9 अगस्त की दोपहर 12 बजे धूमकुरिया भवन, करम टोली चौक से जेल चौक स्थित बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान के लिए प्रस्थान करेगी. इसमें आदिवासी समुदाय के कई रंग देखने को मिलेंगे. यह रैली इस बार के महोत्सव का सबसे खास व आकर्षक का केंद्र होगा. क्योंकि इस रैली में झारखंड के 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का संगम देखने को मिलेगा.

रैली में असुर, बंजारा, बेदिया, बिछिया, बिरहोर, चिक- बड़ाईक ,गोंद, हो, करमाली, खड़िया, कवर, खरवार, खोंड, किसान ,कोरा, लोहरा महली, माल पहाड़िया, मुंडा, संथाल, सौरिया पहाड़िया, सवर, भूमिज एवं कोल जनजाति के कलाकार वाद्य यंत्रों के साथ अनेकों गीत गाते दिखेंगे. इन्हें अपने आप में देखना दिलचस्प होगा.

Tags: Fashion, Jharkhand news, Local18, Ranchi news, Tribal Culture, Tribal Special

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