🌼 150वीं जयंती पर श्रद्धा के साथ किया गया माल्यार्पण
पाकुड़। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में बिरसा चौक, पाकुड़ में एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उनकी प्रतिमा की विधिवत सफाई, माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित कर समाज के वीर सपूत को नमन किया गया।
इस कार्यक्रम में जिला महामंत्री रूपेश भगत, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, और विवेक वर्मन ने सक्रिय भूमिका निभाई।
🎙️ जिला अध्यक्ष ने दिया प्रेरक संदेश
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि आज विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस घोषित कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा—
“यह घोषणा इस बात का प्रमाण है कि झारखंड का जनजातीय समाज, यहां की भाषा और संस्कृति प्रधानमंत्री के हृदय में गहराई से बसती है। यह गौरव दिवस केवल जनजाति समुदाय का नहीं, बल्कि झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता का सम्मान है।”
🎊 प्रदेशभर में उत्सव के रूप में मनाया जाएगा जनजाति गौरव दिवस
जिला अध्यक्ष ने बताया कि 14 और 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में भाजपा द्वारा जनजाति गौरव दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
इस दौरान—
- भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य जनजातीय शहीदों व महापुरुषों की प्रतिमाओं की सफाई
- माल्यार्पण
- दीप प्रज्वलन
- दीपोत्सव
का आयोजन किया जाएगा।
पाकुड़ जिले में भी भव्य शोभा यात्राएं, जनजातीय स्वाभिमान सम्मेलन, और सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
🔥 भगवान बिरसा मुंडा के त्याग और संघर्ष को किया याद
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि—
“भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़कर भारतीय इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। मात्र 25 वर्ष की आयु में उन्होंने भारत माता की स्वतंत्रता और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।”
उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती न केवल एक समारोह है बल्कि सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने का अवसर भी है। जनजातीय समाज और पूरे झारखंड के लोग आज भी उनके संघर्ष और योगदान को गर्व से याद करते हैं।
श्रद्धा, सम्मान और गर्व का प्रतीक बना कार्यक्रम
बिरसा चौक में आयोजित यह कार्यक्रम धरती आबा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक रहा। समाज के विभिन्न वर्गों और भाजपा पदाधिकारियों ने मिलकर यह संदेश दिया कि बिरसा मुंडा आज भी करोड़ों लोगों की प्रेरणा हैं।
उनकी जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों को इतिहास और परंपराओं से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ।


