पूरे झारखंड में शोक की लहर
पाकुड़। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड आंदोलन के महानायक, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से राज्यभर में गहरा शोक व्याप्त है। राजनीति, समाज और शिक्षा जगत के हर वर्ग में इस अपूरणीय क्षति को लेकर दुख और संवेदना व्यक्त की जा रही है। उनकी संघर्षमयी यात्रा और जनहित में किए गए कार्यों को लेकर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।
एलीट पब्लिक स्कूल, पाकुड़ में आयोजित विशेष शोक सभा
इसी क्रम में बुधवार, 6 अगस्त 2025 को एलीट पब्लिक स्कूल, पाकुड़ में एक विशेष शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूल के शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्र और छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। पूरे स्कूल परिसर में एक शांति और भावुकता का वातावरण बना रहा। दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रधानाचार्य अभिजीत रॉय ने रखे प्रेरणादायक विचार
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य अभिजीत रॉय ने दिशोम गुरु के जीवन, संघर्ष और आदिवासी समाज के प्रति समर्पण पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
“शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन झारखंड के अस्तित्व और आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष में बिताया। उनका व्यक्तित्व केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक आंदोलनकारी का था। उन्हें ‘दिशोम गुरु’ कहना केवल एक संबोधन नहीं, बल्कि जनसेवा और संघर्ष का प्रतीक है।”
विद्यार्थियों को बताया गया गुरुजी का योगदान
इस अवसर पर छात्रों को शिबू सोरेन के ऐतिहासिक संघर्षों के बारे में विस्तार से बताया गया। विशेष रूप से यह बताया गया कि कैसे उन्होंने महाजनी प्रथा, सूदखोरी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने आदिवासी समाज को अपने अधिकारों और सम्मान के प्रति जागरूक किया और उन्हें संगठित कर एकजुटता और संघर्ष की ताकत का परिचय दिया। यह जानकारी छात्रों के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत बनी।
सामाजिक न्याय और अधिकारों की लड़ाई के प्रतीक
शिक्षकों ने यह भी बताया कि गुरुजी का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपने दृढ़ संकल्प और संघर्ष से समाज की दिशा बदल सकता है। उन्होंने राजनीतिक सत्ता का उपयोग जनहित में बदलाव लाने के लिए किया, और हमेशा वंचित वर्गों की आवाज बने रहे। उनके नेतृत्व में झारखंड आंदोलन को गति मिली और अंततः राज्य का गठन हुआ, जो आज भी उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जाता है।
स्कूल परिवार की गहरी संवेदना
एलीट पब्लिक स्कूल के प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों ने इस शोक सभा के माध्यम से शिबू सोरेन के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। सभी ने एकमत से कहा कि उनका निधन केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक विचारधारा का अवसान है। स्कूल प्रशासन ने उनके परिवार के प्रति भी सहानुभूति और सांत्वना प्रकट की।
एक युग का अंत, पर विरासत अमर रहेगी
कार्यक्रम के समापन पर यह भाव स्पष्ट रूप से उभरा कि दिशोम गुरु का जाना झारखंड और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी संघर्षशील विरासत, उनके सिद्धांत और आदर्श आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। एलीट पब्लिक स्कूल ने यह संकल्प लिया कि गुरुजी के विचारों को छात्रों के बीच फैलाकर उनके सपनों के झारखंड को साकार करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
🕯️ “हम सबने एक नायक को खोया है, लेकिन उनकी विचारधारा हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।”