देवघर. हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। जब सावन माह की पूर्णिमा हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। दरअसल, सावन पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान शिव, विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। पूर्णिमा व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. गुरुवार के कारण सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस दिन कुछ उपाय करने से आपकी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। घर में सुख-समृद्धि आएगी। आर्थिक लाभ होगा और वास्तु दोषों से मुक्ति मिलेगी।
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित नंद किशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल सावन पूर्णिमा 31 तारीख को पड़ रही है. सावन पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। इससे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही बताया कि सावन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन एक अद्भुत संयोग भी बन रहा है. सूर्य मघा नक्षत्र से निकलकर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं इसलिए कुछ उपाय करना लाभकारी रहेगा।
इन वस्तुओं का करें दान
पंडित नंद किशोर मुद्गल के अनुसार इस साल सावन पूर्णिमा गुरुवार को पड़ रही है। यह बहुत ही शुभ संयोग है. वहीं सावन पूर्णिमा के दिन किसी गरीब या ब्राह्मण को पीले वस्त्र दान करें। इसके साथ ही अन्न दान का भी महत्व है। साथ ही बताया कि सावन पूर्णिमा के दिन चावल में हल्दी डालकर दान करें। इससे सुख-समृद्धि आती है और सभी दोष दूर हो जाते हैं।
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इस उपाय से आर्थिक लाभ होगा
देवघर के ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर आपको व्यापार में आर्थिक नुकसान हो रहा है और पैसा अधिक खर्च हो रहा है तो सावन पूर्णिमा के दिन बाजार से 11 कौड़ियां खरीदकर लाएं और मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा करने के बाद कौड़ी को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। इससे घर से दरिद्रता दूर भागती है और व्यापार में आर्थिक लाभ मिलता है। आय भी अधिक होगी.
वास्तु दोषों से मुक्ति मिलेगी
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो सावन पूर्णिमा के दिन स्नान करें और घर में लगे तुलसी के पौधे पर दूध चढ़ाएं। ऐसा करने से वास्तु दोष दूर हो जाएगा।
सावन पूर्णिमा कब है
पंडित मुदगल के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 11.50 बजे से शुरू होकर 31 अगस्त को सुबह 7.57 बजे तक रहेगी। 30 अगस्त को पूर्णिमा के साथ भद्रा भी शुरू हो रही है। इस दिन रात्रि 9.59 बजे तक भद्रा का साया रहेगा, लेकिन उदयातिथि को देखते हुए गुरुवार 31 अगस्त को पूर्णिमा मानी जाएगी। इसी दिन रक्षाबंधन भी मनाया जाएगा.
(यह लेख देश प्रहरी द्वारा संपादित नहीं की गई है यह फ़ीड से प्रकाशित हुई है।)
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