पाकुड़। सार्वजनिक गणेश पूजा समिति रेलवे मैदान पाकुड़ द्वारा आयोजित 25वें गणपति महोत्सव के तीसरे दिन रेलवे मैदान पर बीते रात सांस्कृतिक संध्या संयुक्त प्रतियोगिता के दूसरी शाम रात्रि में भारी बारिश में भी बड़ी संख्या में लोगों के साथ मातृशक्ति की भीड़ देखी गई।
इस वर्ष गणपति महोत्सव 25वें वर्ष को रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रही है। इस वर्ष गणपति महोत्सव में समिति के द्वारा 25 प्रथम पूज्य भगवान गणेश के विभिन्न रूपों की प्रतिमा स्थापित की गई है। सांस्कृतिक संध्या के दूसरी शाम को देर रात तक भारी बारिश के बावजूद महिलाएं, बच्चे की उपस्थिति समिति के सदस्यों व समिति पर विश्वास को दर्शाती दिखाई दी। पाकुड़ के अलावा पश्चिम बंगाल से भी अनेक माताएं बहने यहां उपस्थित थी। जो इस कार्यक्रम को देखने और हिस्सा लेने पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार से गणेश पूजा में रेलवे मैदान में उपस्थित हुई।
सभी प्रतिभागी व उपस्थित महिलाएं, बूढ़े बुजुर्ग अन्य प्रतियोगिता को देखने के लिए आतुर थे, पर उन सभी की आतुरता को बारिश की छाप छपाहट ने धो दिया। जिसके कारण इस कार्यक्रम को एक दिन बढ़ाया गया।
इस प्रतियोगिता के कार्यक्रम के उद्घोषक कैलाश मध्यान, निर्णायक मंडली में पश्चिम बंगाल के वर्तमान के शिशिर दे व दीपानीता शामिल है। उन्होंने भी भारी बारिश के बावजूद बारिश में डटे रहे लोगों को देखकर दंग रह गए उन्होंने कहा कि हम अनेक कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका निभाने के लिए जाते हैं, जहां लोगों की भीड़ भी दिखती है परंतु ऐसा उत्साह और जोश की भारी बारिश में भी लोग अपने चेयर से नहीं उठे। यह केवल गणेश पूजा समिति रेलवे मैदान में ही हमें देखने को मिला। प्रतिवर्ष जहां प्रतियोगिता का स्तर आसमान छू रहा है, तो प्रतियोगिता देखने वाले लोगों का भी उत्साह आसमान के पार जा रहा है। यह सिर्फ समिति के उच्च स्तरीय व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ कर ही विश्वास बना पाई है।