पाकुड़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पाकुड़ के कार्यकर्ताओं ने संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम पाकुड़ शहर के अंबेडकर चौक स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब के विचारों को याद किया और उनकी शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लिया।
सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई गई पुण्यतिथि
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए एबीवीपी के विभाग संयोजक अमित साहा ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हर साल सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देना और उनकी विरासत का सम्मान करना है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष और उनके द्वारा समाज में लाए गए परिवर्तन आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। उनका जीवन हमें कठिन परिस्थितियों में संघर्ष करने और समाज में समानता स्थापित करने की सीख देता है।
बाबा साहेब की विरासत का सम्मान
अमित साहा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन समानता और न्याय के लिए संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने के लिए जो प्रयास किए, वे आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की पुण्यतिथि मनाना सिर्फ उन्हें याद करना नहीं, बल्कि उनकी दृष्टि को साकार करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना भी है।
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संविधान और विकास में डॉ. अंबेडकर का योगदान
कार्यक्रम में नगर मंत्री हर्ष भगत ने कहा कि बाबा साहेब के द्वारा लिखित भारतीय संविधान न केवल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है, बल्कि देश के विकास की दिशा को भी निर्धारित करता है। उन्होंने कहा कि संविधान के माध्यम से डॉ. अंबेडकर ने समानता, स्वतंत्रता और न्याय के मूल्यों को स्थापित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बाबा साहेब के बताए हुए रास्तों पर चलें और उनके आदर्शों का पालन करें।
भारत को विश्व पटल पर प्रथम श्रेणी में लाने का आह्वान
हर्ष भगत ने अपने संबोधन में कहा कि आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बाबा साहेब के नक्शे-कदम पर चलकर भारत को विश्व पटल पर प्रथम श्रेणी में लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संविधान न केवल भारत के नागरिकों को अधिकार देता है, बल्कि उन्हें कर्तव्यों का भी बोध कराता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके संघर्ष, उनके विचार, और उनके आदर्श आज भी हर व्यक्ति को समाज में समानता और न्याय के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम का महत्व
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए यह संदेश दिया कि उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी समाज में प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देना है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि का अवसर था, बल्कि उनके विचारों और योगदान को याद करने और उनके दिखाए रास्ते पर चलने की प्रेरणा का दिन भी था।