Friday, March 21, 2025
Homeकब है सावन की संकष्टी चतुर्थी? ऐसे करें पूजा, गणेश के साथ...

कब है सावन की संकष्टी चतुर्थी? ऐसे करें पूजा, गणेश के साथ शिव भी होंगे प्रसन्न

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

परमजीत कुमार, देवघर. सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का अपना अलग महत्व है. जिस तरह सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है. ठीक उसी तरह संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को अतिप्रिय है. वहीं बैद्यनाथधाम के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना के साथ उगते चंद्र को अर्ध्य देने की परंपरा है. यह भक्तों के लिए लाभकारी होता है.

बैद्यनाथधाम के ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि सावन माह में संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भगवान शिव और गणेश दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं 06 जुलाई की सुबह 10 बजकर 08 मिनट से चतुर्थी प्रारम्भ होने जा रहा है. इस दिन रात 09 बजे चंद्र उदय होगा. इस समय चंद्रमा को अर्ध्य देने से सारे कष्टों का निवारण होता है. साथ ही परिवार में चल रही उलझने दूर होती है.

6 जुलाई को ही संकष्टी चतुर्थी क्यों?
कई लोग दुविधा में हैं कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत 06 जुलाई को रखना है या 7 जुलाई को. ज्योतिषाचार्य ने कहा कि 07 जुलाई दिन गुरुवार की सुबह 10 बजकर 08 पर चतुर्थी की शुरुआत होने जा रही है. अगले दिन 7 तारीख 10 बजकर 18 मिनट पर यह तिथि समाप्त होगी. संकष्टी चतुर्थी में रात के समय चंद्रमा में अर्ध्य देने की परंपरा है. इसके साथ ही गणेश जी की पूजा की जाती है. इसलिए उदया तिथि ना मानकर 06 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा

क्या है पूजा व अर्ध्य का शुभ मुहूर्त :
हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का काफी महत्व है. संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 23 मिनट से लेकर 8 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है. इस दिन उगते चंद्र को अर्ध्य देने की परंपरा है. इसके लिए रात के 9 बजकर 08 मिनट पर शुभ मुहूर्त है.

.

FIRST PUBLISHED : July 05, 2023, 09:31 IST

[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments