Monday, May 12, 2025
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विजयन की बेटी के वित्तीय लेनदेन की जानकारी पति के चुनावी हलफनामे में क्यों नहीं: कांग्रेस

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खबर में निपटान के लिए अंतरिम बोर्ड के हाल में आये फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोच्चि स्थित कंपनी ने पहले परामर्श और सॉफ्टवेयर सहायता सेवाओं के लिए वीना की आईटी फर्म के साथ एक समझौता किया था।खबर में आयकर विभाग के समक्ष खनिज कंपनी के अधिकारियों के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस तथ्य के बावजूद कि उनकी फर्म द्वारा कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी, एक ‘‘प्रमुख व्यक्ति’’ के साथ उनके संबंधों के कारण मासिक आधार पर राशि का भुगतान किया गया था।

केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी टी. वीना के कुछ वित्तीय लेनदेन संबंधी विवाद में उनके पति एवं लोक निर्माण मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास को घसीटते हुए शुक्रवार को पूछा कि यदि लेनदेन पारदर्शी और वैध था, तो उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में इसका विवरण क्यों नहीं दिया।
विपक्षी दल ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से यह स्पष्ट करने का भी आग्रह किया कि क्या वीना ने कोच्चि स्थित खनिज कंपनी से पैसा स्वीकार नहीं किया था या रियास की ओर से दायर हलफनामा गलत था।
इस मुद्दे पर नरम रुख अपनाने और तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए इस विवादास्पद मामले को विधानसभा में नहीं उठाने का विकल्प चुनने के एक दिन बाद कांग्रेस कई सवालों के साथ सामने आई।
सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझलनदान ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में रियास द्वारा प्रस्तुत हलफनामे की एक प्रति सहित कुछ दस्तावेज पेश किए।

कांग्रेस विधायक ने बृहस्पतिवार को माकपा राज्य सचिवालय की ओर से जारी बयान का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि वीना की आईटी फर्म और खनिज कंपनी के बीच लेनदेन पारदर्शी थे।
उन्होंने कहा, ‘‘तो, मेरा सवाल टी वीना से नहीं है। मैं उन्हें इसमें नहीं घसीटना चाहता, क्योंकि माकपा सचिवालय ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है और अपना पूरा समर्थन दे दिया है, इसलिए मेरा सवाल उनसे है। यदि दोनों के बीच वित्तीय लेनदेन पारदर्शी था, तो उस राशि का खुलासा हलफनामे (रियास के) में क्यों नहीं किया गया? कृपया समझाएं।’’
विधायक कुझलनदान ने कहा कि न तो माकपा और न ही मुख्यमंत्री को यह सोचना चाहिए कि यदि उन्हें सदन में बोलने के लिए माइक्रोफोन नहीं दिया गया या उन्हें डराने की कोशिश की गई तो वह चुप रहेंगे।
उन्होंने माकपा के वरिष्ठ नेता एवं इसकी केंद्रीय समिति के सदस्य ए. के. बालन पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कहा था कि विपक्ष ने विधानसभा में इस मुद्दे को नहीं उठाया, क्योंकि वे मुख्यमंत्री के जवाब से डरे हुए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में, मार्क्सवादी पार्टी केवल लोगों से डरती थी, लेकिन अब पूरी पार्टी एक व्यक्ति से डरती है और वह कोई और नहीं, बल्कि पिनराई विजयन हैं।’’
विधायक ने कहा कि बालन मुख्यमंत्री से डरे हुए हैं और विपक्ष के खिलाफ उनका बयान उनकी भयभीत मानसिकता को दर्शाता है।
कांग्रेस के अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी माकपा से यह बताने का आग्रह किया कि रियास द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में विवादास्पद राशि की जानकारी क्यों नहीं दी गई।
इन नये आरोपों पर न तो मंत्री और न ही माकपा ने कोई प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने विजयन से अपनी चुप्पी तोड़ने और उनके तथा उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों का जवाब देने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि मामला सार्वजनिक होने के कुछ दिन बाद भी सतर्कता विभाग और लोकायुक्त ने इसमें हस्तक्षेप क्यों नहीं किया।
वीना का बचाव करते हुए बालन ने कहा कि एक निजी खनिज कंपनी के साथ उनके वित्तीय लेनदेन पर धनशोधन का आरोप टिक नहीं पायेगा] क्योंकि सभी लेनदेन बैंकों के माध्यम से हुए थे।

उन्होंने कहा कि वीना ने अपनी आईटी फर्म और कोच्चि स्थित ‘कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड’ (सीएमआरएल) के बीच हस्ताक्षरित अनुबंध से इतर कुछ भी नहीं किया था।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्षी मोर्चे ने इस मामले को विधानसभा में क्यों नहीं उठाया।
केरल में एक निजी खनिज कंपनी और वीना तथा उनकी आईटी कंपनी के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर विवाद छिड़ गया है।
ऐसे सबूत भी सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि कंपनी का सत्तारूढ़ माकपा के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के शीर्ष नेताओं के साथ लेन-देन था।
यह मुद्दा तब सामने आया जब हाल में एक मलयालम दैनिक समाचार पत्र की खबर में कहा गया था कि ‘कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड’ (सीएमआरएल) ने 2017 और 2020 के बीच तीन साल की अवधि के दौरान मुख्यमंत्री की बेटी को कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

खबर में निपटान के लिए अंतरिम बोर्ड के हाल में आये फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोच्चि स्थित कंपनी ने पहले परामर्श और सॉफ्टवेयर सहायता सेवाओं के लिए वीना की आईटी फर्म के साथ एक समझौता किया था।खबर में आयकर विभाग के समक्ष खनिज कंपनी के अधिकारियों के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस तथ्य के बावजूद कि उनकी फर्म द्वारा कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी, एक ‘‘प्रमुख व्यक्ति’’ के साथ उनके संबंधों के कारण मासिक आधार पर राशि का भुगतान किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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