Saturday, May 10, 2025
Homeइस पंचमुखी मंदिर में मनोकामना होती है पूर्ण,लगता है भक्तों का जमावड़ा

इस पंचमुखी मंदिर में मनोकामना होती है पूर्ण,लगता है भक्तों का जमावड़ा

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अंकित कुमार सिंह/सीवान:  जिला मुख्यालय स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं. यहां जो भी भक्त अपनी मनोकामना को लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना को भगवान शिव पूर्ण करते हैं. यह मंदिर 18 वीं शताब्दी की बताई जाती है और लोगों की इस मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है. यहां सालो भर श्रद्धालुओं का तांता पूजा- अर्चना करने के लिए लगा रहता है. हालांकि यहां सबसे अधिक भीड़ सावन मास, नाग पंचमी और शिवरात्रि को देखने को मिलता है. यहां लंबी कतारें लग जाती है और भक्त जलाभिषेक करने का इंतजार करते हैं. जलाभिषेक करने के बाद भगवान शंकर का दर्शन कर मन्नत मांगते हैं. वहीं मंदिर में स्थापित शिवलिंग की उत्पत्ति की कहानी भी काफी दिलचस्प है.

सीवान के महादेवा शिव मंदिर की अपनी महत्ता है, जो लोक आस्था के लिए विख्यात है. इस मंदिर के बारे में कई तरह की धारणाएं हैं. लोगों का मानना है कि यहां स्थापित शिवलिंग आपरूपी प्रकट होने के साथ पंचमुखी है. यहां भगवान शंकर की पूजा अर्चना और जलाभिषेक करने पर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. स्थानीय लोगों की मानें तो प्राचीन काल में महादेव नामक शख्स हल से खेत की जुताई कर रहे थे. जुताई के दौरान आपरूपी पंचमुखी शिवलिंग की उत्पत्ति हुई. जिसके बाद यहां मंदिर बना दिया गया. तब से यहां सावन और शिव रात्रि में शिवभक्त श्रद्धालुओं का तांता लगता है. दूर-दराज से लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहां बेलपत्र, भांग, धतूरा के साथ जलाभिषेक करने आते हैं.

महादेव के नाम से ही इलाके का नाम पड़ गया महादेवा
मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित वीरेंद्र पांडे ने बताया कि भगवान शंकर का शिवलिंग निकलना और पूजा-अर्चना होने के बाद यह स्थान काफी प्रसिद्ध हो गया. महादेव रूप के नाम पर बने इस मंदिर के कारण ही पूरे इलाके को महादेवा मोहल्ले के नाम से जाना जाने लगा. यही वजह है कि आज भी इस क्षेत्र को महादेवा हीं कहा जाता है. वही दूर-दराज के लोग महादेवा शिव मंदिर के नाम से भी इसे जानतें है.

18वीं सदी से पूर्व का है यहमहादेव मंदिर
मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित वीरेंद्र पांडे ने बताया कि इस मंदिर का बहुत ही अद्भुत प्रसंग हैं. पंडित ने मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि सैकड़ों वर्ष पहले जब यहां पर बारीश नहीं हो रही थी. जिसके चलते सभी जगह सूखा पड़ा था. तब महादेव नाम का व्यक्ति ने हल चलाया था. जिसमें भगवान का पंचमुखी शिवलिंग का प्रगट हुआ था. जिसके बाद से यहां भगवान भोलेनाथ पंचमुखी महादेव के नाम से विख्यात हो गए. यह मंदिर 18 वी शताब्दी से पहले की है.

Tags: Bihar News, Local18, Siwan news

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