पाकुड़। देश के प्रथम राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती, जिला कांग्रेस कार्यालय में धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों ने उनकी स्मृतियों और योगदान को याद किया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद: राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में अद्वितीय रहा है। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संविधान निर्माण और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके सरल और अनुकरणीय जीवन से आज भी लोग प्रेरणा लेते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में उपस्थित जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री कुमार सरकार ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए कहा, “उनकी ईमानदारी, सादगी और राष्ट्रसेवा का समर्पण आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनका जीवन हमें बताता है कि देश सेवा के लिए त्याग और समर्पण कितना महत्वपूर्ण है।”
इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष असद हुसैन, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष शाहीन परवेज, और जिला सचिव मिथुन मरांडी ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की सादगी और आदर्शों की प्रशंसा की और कहा कि उनका जीवन सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा है।
समाजसेवियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में कई समाजसेवी भी उपस्थित रहे। समाजसेवी अनिकुल हक ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आत्मनिर्भरता और शिक्षा पर जोर दिया, जो आज भी प्रासंगिक है। फारमान आली ने उनके योगदान को नमन करते हुए कहा कि आज का यह आयोजन हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाने की प्रेरणा देता है।
राष्ट्र निर्माण के लिए उनके विचारों को अपनाने का आह्वान
कार्यक्रम में यह संकल्प लिया गया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद के विचारों और आदर्शों को समाज में फैलाया जाएगा। उनकी जयंती के अवसर पर उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देने की अपील की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। सभी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रीय आदर्शों को जीवंत रखने का प्रयास
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाने का यह आयोजन उनके विचारों और आदर्शों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक प्रयास था। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने उनके सिद्धांतों पर चलने और राष्ट्रहित में योगदान देने का संकल्प लिया।
इस तरह का आयोजन न केवल महापुरुषों के योगदान को याद करने का अवसर देता है, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करने का संदेश भी देता है।