पाकुड़। जिले के बीएड प्रशिक्षुओं को लेकर कार्यशाला का आयोजन रविन्द्र भवन टाउन हॉल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों की भूमिका, जिम्मेदारियों और शिक्षण के महत्व पर जोर देना था।
शिक्षकों की भूमिका को बताया अहम
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन में सबसे बड़ा योगदान शिक्षक का होता है। उन्होंने कहा, “शिक्षक की भूमिका समाज और राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। बच्चे देश के भविष्य और राष्ट्र की धरोहर हैं। उन्हें संवारना और सही दिशा देना शिक्षकों का कार्य है।” उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षुओं को कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व को समझाया।
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आदर्श शिक्षक बनने पर उपायुक्त का जोर
उपायुक्त मनीष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षकों का आचरण बच्चों पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा, “समाज में अच्छे शिक्षकों को हमेशा सम्मान मिलता है। प्रशिक्षु शिक्षकों को यह समझना चाहिए कि वे बच्चों को न केवल एक योग्य नागरिक बल्कि कर्तव्यनिष्ठ इंसान के रूप में तैयार करें।” उपायुक्त ने यह भी कहा कि शिक्षकों को समाज की विसंगतियों को दूर करने में योगदान देना चाहिए।
बच्चों को अधिकार और कर्तव्य की शिक्षा देने का संदेश
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त ने कहा, “आपका ध्येय होना चाहिए कि बच्चों को अधिकार और कर्तव्य दोनों की शिक्षा दें। माता-पिता और गुरु का सम्मान करना बच्चों को सिखाएं।” उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को आदर्श शिक्षक बनने की अपील की और कहा, “जीवन में कभी निराश न हों, सफलता एक दिन जरूर मिलेगी। शिक्षक हमेशा से समाज में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं।”
विद्यालयों में प्रशिक्षण देने की अपील
उपायुक्त ने बीएड प्रशिक्षुओं से अपील करते हुए कहा कि अगले डेढ़ महीने तक वे जिले के विभिन्न विद्यालयों में जाकर बच्चों को शिक्षित करें। उन्होंने कहा, “विद्यालयों में जाकर बच्चों को सही और व्यवस्थित तरीके से पढ़ाएं। यह आपके प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।”
उपस्थित प्रमुख अधिकारियों और प्रशिक्षुओं की भागीदारी
कार्यशाला में जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पुरती, जिला शिक्षा अधीक्षक नयन कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभूवन कुमार सिंह, और जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलखो मौजूद रहे। इसके अलावा, केकेएम कॉलेज पाकुड़ और पाकुड़ बीएड कॉलेज के प्रशिक्षु भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यशाला ने दिया प्रेरणा और शिक्षा का नया दृष्टिकोण
इस कार्यशाला ने बीएड प्रशिक्षुओं को प्रेरणा दी कि वे अपने शिक्षण कौशल को निखारें और समाज में एक आदर्श शिक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाएं। कार्यक्रम का समापन सकारात्मक संदेश के साथ हुआ, जिसमें भविष्य के शिक्षकों को अपने कर्तव्यों और समाज के प्रति जिम्मेदारियों को समझने की प्रेरणा दी गई।