पाकुड़। विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर संयुक्त कृषि भवन स्थित आत्मा सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर जिले के किसान, कृषि विशेषज्ञ, और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
‘मिट्टी की देखभाल’ थीम पर हुई चर्चा
उपायुक्त ने बताया कि विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम ‘मिट्टी की देखभाल: माप, निगरानी, प्रबंधन’ है। उन्होंने कहा कि इस थीम का उद्देश्य मिट्टी की विशेषताओं को समझने और उसे स्थायी रूप से प्रबंधित करने पर जोर देना है। उपायुक्त ने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाएं और जैविक खाद का उपयोग करें। उन्होंने कहा, “ज्यादा उत्पादन के लिए उर्वरकों का अंधाधुंध उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर रहा है, जो खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा है।”
धान अधिप्राप्ति में नंबर वन बनने का लक्ष्य
उपायुक्त ने धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 15 दिसंबर से जिले में धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक किसानों को धान अधिप्राप्ति के लिए निबंधन कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकुड़ जिले को धान अधिप्राप्ति में नंबर वन बनाना है।
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पीएम कुसुम योजना पर जोर
कार्यक्रम में उपायुक्त ने पीएम कुसुम योजना के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि किसानों को सोलर पंप और अन्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना में कम से कम 1000 आवेदन सुनिश्चित किए जाएं। इसके लिए कृषि विभाग को निर्देशित किया गया कि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रयास तेज किए जाएं।
शिक्षा और कृषि प्राथमिकता में शामिल
उपायुक्त ने अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा और कृषि उनके शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और शिक्षा को सशक्त बनाने से जिले का समग्र विकास होगा। किसानों को उन्नत तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सभी विभागों को निर्देशित किया गया है।
कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसानों की उपस्थिति
इस अवसर पर विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, एटीएम, बीटीएम, और प्रगतिशील किसान उपस्थित थे। सभी ने मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने और किसानों को जागरूक करने के उपायों पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में किसानों को जागरूक करने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया गया।
उपायुक्त की अपील
उपायुक्त ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने खेतों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम करें और प्राकृतिक खेती को अपनाएं। साथ ही, उन्होंने जिले के विकास में शिक्षा और कृषि के महत्व को रेखांकित किया।