पाकुड़। सदर अस्पताल सोनाजोड़ी में इलाजरत हिरणपुर प्रखंड के मंझलाडीह की निवासी राजेदा खातून, जो गर्भवती थीं और जिनका सीजर ऑपरेशन होना था, उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। डॉक्टरों ने शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण ओ पॉजिटिव रक्त की जरूरत बताई। इस पर मरीज के परिजनों ने रक्त की व्यवस्था के लिए लाइफ सेवियर्स समूह के सचिव नाफिसुल आलम से संपर्क किया।
हालत गंभीर होने के कारण तुरंत रक्त की आवश्यकता थी, और नाफिसुल आलम ने इस समस्या को देखते हुए सदर प्रखंड के रहसपुर निवासी युवा नेता नाईम अख्तर से संपर्क किया। नाईम ने तुरंत ही रक्तदान करने की इच्छा जताई और रक्त अधिकोष (ब्लड बैंक) में पहुंचकर रक्तदान किया। नाईम के इस योगदान ने गर्भवती महिला की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सीजर ऑपरेशन के बाद राजेदा खातून को नाईम द्वारा दिया गया रक्त चढ़ाया गया, जिससे उनकी स्थिति स्थिर हुई। ऑपरेशन के बाद, परिजनों ने राहत की सांस ली और रक्तदाता नाईम अख्तर के प्रति आभार व्यक्त किया।
रक्तदान के बाद नाईम ने कहा, “आज के दौर में हर इंसान को रक्तदान करना चाहिए। मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि यह मेरा पहला अनुभव था। मैं आगे भी इस तरह का सेवा कार्य जारी रखूंगा।” नाईम के इस नेक कार्य ने क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है, जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आने की प्रेरणा मिली है।
इस अवसर पर लाइफ सेवियर्स समूह के सचिव नाफिसुल आलम, सदस्य नसीम अख्तर, शमसाद आलम, अतिकुर रहमान, अब्दुल्लाह और रक्त अधिकोष के कर्मचारी नवीन कुमार भी मौजूद रहे। सभी ने नाईम के इस कदम की सराहना की और रक्तदान के महत्व पर जोर दिया।
संस्था के सचिव नाफिसुल आलम ने कहा, “रक्तदान से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, और हम हमेशा लोगों को जागरूक करने के लिए तत्पर रहते हैं। इस तरह के अवसरों से दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित होना चाहिए।”
रक्तदान से न केवल किसी की जान बचाई जा सकती है, बल्कि यह समाज में सहयोग और मानवता का सबसे अच्छा उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।