पाकुड़। आगामी वर्ष 2024 में लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव होने वाला है। जिस वजह से राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन प्रत्येक जिले में जा जाकर, “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम करवा रहे हैं और आम जनता को इस कार्यक्रम के माध्यम से बेवकूफ बना रहे हैं। क्योंकि उनकी मंशा है की वो पुनः सत्ता में काबिज हो सके। कई बार पूर्व में भी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की नौटंकी राज्य सरकार के द्वार की गई है। जिसमें गरीब, दलित, कमजोर वर्ग, अल्पसंख्यक, आदिवासी एवं पिछड़ों को कोई लाभ नहीं मिल पाया, फिर से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। उक्त बाते राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी जिला अध्यक्ष सह राजमहल लोकसभा चुनाव प्रभारी रंजीत कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है।
रंजीत कुमार सिंह कहते है आम जनता को झूठे जुमले में लोक लुभावन तरीके से फंसा कर उल्लू बनाना चाहती है। अगले विधानसभा चुनाव में राज्य के मुखिया के द्वारा इन्हीं गरीबों जनताओं को वादा किए थे कि मेरे मुख्यमंत्री बनते ही सभी विभागों में रिक्त पदों के लिए नियुक्तियां निकाली जाएगी। जिससे झारखंड के बेरोजगार छात्र-छात्राओं को अपने ही राज्य में नौकरियां मिल पायेगी। साथ ही पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता दी जाएगी, परंतु 4 साल बीत चुके है किसी छात्रों को नौकरी नहीं दी गई और ना ही बेरोजगारी भत्ता दी गई। राज्य के जिलों के कार्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है। केंद्र के भेजे हुए विकास के पैसों को बिचौलियों के माध्यम से लूटपाट किया जा रहा है। बिना नियम कानून के लीज माइंस दिया जा रहा है। अवैध माइंस एवं खदान चल रही है। लकड़ी, बालू, कोयला, गिट्टी रात के अंधेरे में कालाबाजारी की जाती है। जिले में अपराध की बढ़ोतरी हुई है। इस पर अंकुश राज्य सरकार द्वारा नहीं लगाई गई। राज्य सरकार विफल हो चुकी है। यहां के कमजोर, गरीब, दलित, मजदूर, अल्पसंख्यक, आदिवासी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रोजगार की तलाश में कर रहे है।
रंजीत कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जिले के कोयला कंपनी से यहां के बेरोजगार लोगों को अब तक नौकरी नहीं दी गई है। बड़े-बड़े माफिया कमीशन लेकर ऊपर पहुंचाते हैं। भू माफिया सक्रिय हो गए हैं। गरीब, आदिवासी, दलित, कमजोर वर्ग के जमीन को बम और पिस्तौल का भय दिखाकर हड़प लिया जा रहा है। हड़पे हुए जमीन को ऊंची दामों पर बेचा जा रहा है। हेराफेरी कर जमीन माफिया करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर लिए है। इसकी जांच करने वाला कोई नहीं है। राज्य के कई आईएएस पदाधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है। राज्य में ED एवं CBI का छापा पड़ रहा है। राज्य के मुखिया के आगमन पर जिले में कार्यक्रम के लिए भव्य पंडाल तथा तामझाम में करोड़ों का खर्च हुआ, वह कहां से आता है। विभागों के द्वारा करोड़ों की परिसंपति का वितरण हुआ उसकी राशि कहाँ से आती है। इन सभी विषयों की जांच होनी चाहिए। आज के कार्यक्रम के तामझाम में जो राशी खर्च की गयी, उन पैसों से कितने ही बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता था। जनता सब समझ रही है, आने वाले लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में जनता के द्वारा सबक सिखाई जाएगी।