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शर्मिला ने मई में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी थी जिसके बाद से यह अटकलें हैं कि वह कांग्रेस के करीब आ रही हैं। इससे पहले वह साफ कर चुकी हैं कि वह तेलंगाना में पालेर सीट से चुनाव लड़ेंगी। तेलंगाना में इस साल के अंत में चुनाव होना है। शर्मिला ने अपने भाई जगन के साथ 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में काफी प्रचार किया था लेकिन बाद में उन्होंने तेलंगाना में अपनी पार्टी वाईएसआरटीपी बना ली थी।
वाईएसआर तेलंगाना कांग्रेस की संस्थापक वाईएस शर्मिला ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर उन्हें मंगलवार को बधाई दी।
इससे इस बात को लेकर अटकलों को बल मिला है कि तेलंगाना के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की बहन की पार्टी वाईएस कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।
शर्मिला ने ट्विटर पर विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को नैतिक समर्थन दिया है और कहा है कि यह राष्ट्र के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बचाने और पुनर्जीवित करने की लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने दावा किया कि देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को आज खतरा है।
उन्होंने कहा, “ संसद सदस्यता बहाल होने के लिए श्री राहुल गांधी जी को बहुत बहुत बधाई।आपका अटूट साहस देश भर के लाखों लोगों में आशाओं को फिर से जगा रहा है। न्याय ने अपना काम किया और ऐसा फैसला सुनाया जिससे कई लोगों के दिल खुश हो गए।
शर्मिला ने कहा, “ अब मुझे यकीन है कि संसदीय प्रक्रिया में आपकी भागीदारी एक बार फिर देश के लोगों की चिंताओं को उठाने में काफी मददगार साबित होगी। इस संबंध में, मैं सभी नेताओं से अपील करती हूं कि वे हमारे देश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए एक साथ आएं।”
शर्मिला ने मई में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी थी जिसके बाद से यह अटकलें हैं कि वह कांग्रेस के करीब आ रही हैं।
इससे पहले वह साफ कर चुकी हैं कि वह तेलंगाना में पालेर सीट से चुनाव लड़ेंगी। तेलंगाना में इस साल के अंत में चुनाव होना है।
शर्मिला ने अपने भाई जगन के साथ 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में काफी प्रचार किया था लेकिन बाद में उन्होंने तेलंगाना में अपनी पार्टी वाईएसआरटीपी बना ली थी।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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