जिला प्रशासन ने टीबी के 43 मरीजों को लिया गोद, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डीसी ने मरीजों को सौंपा कीट

झारखण्डजिला प्रशासन ने टीबी के 43 मरीजों को लिया गोद, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डीसी ने मरीजों को सौंपा कीट
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पाकुड़ । प्रधानमंत्री के द्वारा प्रारंभ किए गए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिला प्रशासन के द्वारा 43 मरीजों को गोद लिया गया है और इसी निमित स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर रविवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यक्ष्मा विभाग के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में पहुंचे उपायुक्त वरुण रंजन ने मौके पर मौजूद 43 यक्ष्मा मरीजों के बीच निक्षय पोषण कीट का वितरण किया।

उपायुक्त वरुण रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर वर्ष 2025 तक देश को यक्ष्मा से मुक्त करना है और इसी के तहत जिले को जल्द ही टीबी मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीजों को न केवल दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी बल्कि उनके पोषण संबंधी जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग से यक्ष्मा के मरीजों को मानसिक रूप से भी सपोर्ट किया जाएगा ताकि वह इस बीमारी से जल्द से जल्द बाहर निकल सके। उन्होंने वहां मौजूद यक्ष्मा रोगियों से नियमित दवाओं का सेवन करने तथा पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का पूरा प्रयास है कि नागरिक सहभागिता एवं जनजागरूकता की बदौलत 2025 के अंत तक पाकुड़ को टीबी मुक्त जिला बनाना है।

उपायुक्त ने बताया कि जिला पाकुड़ में फिलहाल टीबी के लगभग 849 मरीज हैं। अभी तक निक्षय योजना के तहत 625 टीबी मरीजों को गोद लिया हुआ है। शेष 224 टीबी मरीजों को गोद लिया जाना बाकी है। आज 43 मरीजों को गोद लिया गया है। इस योजना के तहत मरीज को 6 महीने तक प्रतिमाह 600 से 700 रुपए तक की कीमत की खाद्य सामग्री किट दी जाती है।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एहतेशाम उद्दीन, पाकुड़ एमओआईसी डॉ के.के.सिंह, डीपीएम नीरज कुमार, एसएमपीओ पवन कुमार समेत अन्य उपस्थित थे।

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