रांची: नशे के कारोबार में महिलाओं की एंट्री बनी चुनौती, फोन पर ऑर्डर और स्कूटी से सप्लाई

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कई बड़े शहरों में मौजूद नशे के सौदागरों ने अब राजधानी रांची (Ranchi) को भी अपने आगोश में ले लिया है. रांची में भी अब युवाओं को गांजा, ब्राउन शुगर और नशीली दवाएं आसानी से मिल रही हैं. इन मादक पदार्थों की यदि एक बार लत लग जाए तो इसी के लिए भी इस लत से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, ऐसे में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से इस नशे के काले कारनामों को रोकने के प्रयास में लग गई है. समय-समय पर प्रशासन द्वारा छापेमारी कर काले धंधे करने करने वालों को दबोचा भी गया है, फिर भी इन अपराधियों के मन में डर नहीं है.

ड्रग्स तस्करी के लिए अपराधी महिलाओं का कर रहे इस्तेमाल
पुलिस को गुमराह करने के लिए अब ये अपराधी महिलाओं का भी इस्तेमाल करने लगे हैं. कई महिलाओं द्वारा युवाओं तक नशे की सामग्री पहुंचाई जा रही है. राजधानी रांची में ये महिला गैंग आसानी से अपने-अपने मंसूबे पूरे कर रहे हैं. ये बात पुलिस के जांच में भी साबित हो रही है कि पुलिस महिलाओं पर संदेह नहीं करती जिस वजह से ये महिलाएं अपने कपड़ों में नशीले पदार्थों को छुपा कर ग्राहकों तक पहुंचने का काम कर रही हैं. ये लड़कियां पहले ग्राहकों से फ़ोन पर ऑडर लेती हैं, फिर अपनी गाड़ी या स्कूटी से ग्राहकों तक माल पहुंचाती हैं. गाड़ी के बारे में किसी को पता न चले, इसलिए वे अपनी गाड़ी को दूर पार्क कर देती हैं और फिर इसके बाद ये महिलाएं पैदल चलकर अपने ग्राहकों तक पहुंचती हैं और उन्हें माल सप्लाई कर उनसे पैसे लेकर वापस चली जाती हैं. 

‘250 से 350 रुपए में बेची जा रही है ब्राउन सुगर की पुड़िया’
पुलिस के मुताबिक ये ब्राउन शुगर पुड़ियों में दिया जाता है जिसमें एक पुड़िया की कीमत करीब 250 से 350 के करीब होती है. इस बात का खुलासा रांची के पुनदाग छेत्र की रहने वाली आरोपी नर्गिस उर्फ शांति देवी ने पुलिस के समक्ष किया है. उसने पुलिस को बताया कि चतरा का एक सौदागर उसे 150 रुपये में एक पुड़िया देता था जिसे वह 250 में बेचा करती थी.

पुलिस ने किया था नशा बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़
वहीं, कुछ दिनों पहले रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली थी. नशे के सौदागर  गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था जिसमें 2 महिलाएं शामिल थीं. आरोपियों के पास से नशे की बड़ी खेंप बरामद की गई थी. गिरफ्तार महिलाओं में एक मॉडल हुआ करती थी और बाद में वह नशे के कारोबार से जुड़ गई थी

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
राजधानी रांची के रिनपास के मनोचिकित्सक डॉ. सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि हर हफ्ते 10 से 15 मरीज ब्राउन शुगर का सेवन कर यहां आते हैं. उन्होंने कहा कि ब्राउन शुगर का सेवन करने वालों की मानसिक स्थिति बिगड़ने के खतरा बना रहता है, ज्यादातर युवा इसकी गिरफ्त में होते हैं. उन्होंने कहा कि युवतियों में भी इसकी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभिवावकों को इस मुद्दे पर सामने आने की जरूरत है और अपने बच्चों को समझने की जरूरत है.

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