सदर अस्पताल सभागार कक्ष में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम का किया गया आयोजन

झारखण्डसदर अस्पताल सभागार कक्ष में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम का किया गया आयोजन
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पाकुड़ । सदर अस्पताल सोनाजोड़ी सभागार कक्ष में उपायुक्त वरुण रंजन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त वरूण रंजन, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार, डीएस डॉ एस.के झा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एहतेशाम उद्दीन, एमओआईसी डॉ के.के. सिंह, डॉ अमित कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

उपायुक्त वरुण रंजन ने कहा कि अधिक से अधिक नि-क्षय मित्रों की सहभागिता से ही वर्ष 2025 तक भारत टीबी मुक्त हो पाएगा। इसके लिए सभी अधिकारियों को विशेष प्रयास करना होगा। इस अभियान के तहत निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत रोगियों को पोषण के लिए मिलनेवाले प्रतिमाह 500 रुपये के अतिरिक्त कारपोरेट क्षेत्रों, निजी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए ये प्रखंड या टीबी यूनिट गोद लेंगे। गोद लेनेवाली संस्थाओं को ही नि-क्षय मित्र नाम दिया गया है।

इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि इस वर्ष का थीम ‘YES!! We can End TB 2023‘ रखी गई है। राष्ट्रीय यक्ष्मा रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2025 तक क्षय भारत को टीबी रोग मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश कर रही है बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रही है कि ऐसी सुविधायें दूर-दराज के इलाकों में भी उपलब्ध हों। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के मरीजों का इलाज उपरोक्त संस्थाओं की ओर से या व्यक्तिगत रूप से जिला, प्रखंड, पंचायत और टोला स्तर पर व्यक्तिगत स्तर पर रोगियों के इलाज के दौरान गोद लेते हुए टीबी मुक्त होने तक या कम से कम छह माह तक इलाज व पोषाहार देकर उन्हें टीबी मुक्त बनाना है। वर्तमान में टीबी के मरीजों को सरकार की तरफ से सहायतार्थ पांच सौ रुपए पोषाहार के लिए मुहैया कराया जाता है।

उपायुक्त ने कहा कि उच्च प्राथमिकता के साथ इस अभियान को जन-आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी। उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी का रोकथाम संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है तथा सरकार इस बीमारी का रोकथाम और उपचार के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य टीबी मुक्त भारत के लिए जन भागीदारी बढ़ाना है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण हेतु लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास किया जाय, जिससे कि वो जागरूक होकर इस अभियान में हिस्सा लें।

कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि आने वाले दिनों में घर-घर जाकर टीबी के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा और टीबी के मरीजों को चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाएगा। इसके तहत सभी सहिया बहनें डोर-टू-डोर जाकर कार्यक्रम की सफलता को लेकर लोगों को जागरूक करेंगी और टीबी जैसी गंभीर बिमारी को आने वाले वर्ष 2025 में भारत को टीबी मुक्त करने में अपना योगदान देंगी। इसके अलावा दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ होना, शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना, सीने में तेज दर्द होना, अचानक से वजन का घटना, भूख में कमी आना, बलगम के साथ खून आना। टीवी के रोकथाम के लिए टीवी का मुफ्त जाँच, दवाएं, परामर्श सहायता, निक्षय पोषण योजना अंतगर्त सभी टीबी रोगी को उपचार अवधि में पोषण सहायता राशि 500 रुपये प्रतिमाह के दर से दिया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एहतेशाम उद्दीन ने 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए सभी को विश्व यक्ष्मा दिवस की शुभकामनाएं दी। वहीं उन्होंने टीबी मरीजों के इलाज हेतु जिले में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं के संबंध में भी सभी को विस्तार से जानकारी दी।

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