पाकुड़ के समाजसेवी लुत्फ़ल हक को मलेशिया में पूर्व शिक्षा मंत्री ने किया सम्मानित

झारखण्डपाकुड़ के समाजसेवी लुत्फ़ल हक को मलेशिया में पूर्व शिक्षा मंत्री ने किया सम्मानित
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पाकुड़ । “सब कर्मों का खेल है, जो किया वो वापस आएगा। आज जो तुझे रुला रहा है, कल उसे कोई रुलाएगा।” उक्त पंक्ति पाकुड़ के चर्चित समाजसेवी लुत्फ़ल हक पर सटीक बैठ रहा है।

लुत्फ़ल हक एक निहायत गरीब परिवार में जन्में और परिवार का भरण पोषण और दो रोटी की जुगाड़ के लिए पत्थर खदान में मजदूरी शुरू कर दी। अपनी जी तोड़ मेहनत के बल पर और पीछे न मुड़कर देखने की आदत ने लुत्फ़ल हक को न सिर्फ पाकुड़ बल्कि देश विदेश में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में मलेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री ने अवार्ड से नवाजा है।

लुत्फ़ल हक को रविवार को मलेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर मसजली मालिक ने उन्हें समाजसेवा के साथ साथ कम समय में बेहतर व्यवसाय के लिए कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा लुत्फ़ल हक के सम्मान में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा है।

उक्त कार्यक्रम मलेशिया के कुआलालंपुर शहर के स्विस गार्डन होटल में आयोजित की गई थी। जहां विश्व के ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, मलेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया एवं भारत के अपने अपने क्षेत्र के विद्वान मौजूद थे। इसके अलावे लुत्फ़ल हक को यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका का ग्लोबल ह्यूमेन राइट्स कॉउंसिल ने इंडो ग्लोबल एक्सलेंस अवार्ड 2023 से भी नवाजा है।

मलेशिया के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर मालिक ने लुत्फ़ल हक द्वारा किये जा रहे समाजसेवा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कम ही लोग होते हैं जो गरीब, दिन दुखियों की सेवा करते हैं। ऐसे इंसान को पीढियां दर पीढियां याद रखेगी।

उल्लेखनीय है कि लुत्फ़ल हक को मुम्बई में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति ने समाजसेवा के क्षेत्र में सम्मानित किया था। जहां मुम्बई के विभिन्न अखबारों और टीवी चैनलों में प्रमुखता से प्रकाशित किये गए थे। इसके अलावे पश्चिम बंगाल के कोलकाता में लुत्फ़ल हक़ को समाजसेवा के क्षेत्र में निःस्वार्थ भावना से काम किये जाने को लेकर बंगाल इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2023 सिनेमा जगत की मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर ने नवाजा था। वहीं एक बार फिर लुत्फ़ल हक को मलेशिया के कुआलालंपुर में दो-दो अवार्ड से नवाजे गए हैं।

इधर अवार्ड मिलने के बाद लुत्फ़ल हक ने बताया कि यह सब अवार्ड गरीबों के नाम है, गरीबों की दुआ के कारण यह सम्मान दिया जा रहा है। मैं खाली हाथ आया हूँ और इस दुनिया से खाली हाथ जाएंगे। इधर मलेशिया में अवार्ड मिलने की खबर फैलते ही पाकुड़ के लोगों में खुशी देखी जा रही है।

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