मलेरिया की रोकथाम एवं बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित की गई

झारखण्डमलेरिया की रोकथाम एवं बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित की गई
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पाकुड़ । सदर अस्पताल के सभागार में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मलेरिया की रोकथाम एवं उसके बचाव को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित की गई।

वर्ष 2023 की थीम है शून्य मलेरिया करने का समय-निवेश करें, नवाचार करें, लागू करें थीम के जरिए लोगों को मलेरिया से सुरक्षित रहने के नए उपायों के बारे में सोचने को प्रेरित करना है

पिछले वर्ष इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारी, कर्मी एवं सहियाओं को प्रशस्ति पत्र उपायुक्त ने प्रदान किया

सदर अस्पताल के सभागार में उपायुक्त वरुण की अध्यक्षता में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मलेरिया की रोकथाम एवं उसके बचाव को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त वरुण रंजन, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एस.के.झा, जिला भीवीडी पदाधिकारी डॉ अमित कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

उपायुक्त वरुण रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो सालों से लोगों को अपना शिकार बनाते आयी है। हर साल 25 अप्रैल को मलेरिया के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के विश्व मलेरिया दिवस‘ यानी वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जिससे भारत में हर साल हजारों लोग संक्रमित होते हैं। मलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है। यह मादा एनाफिलीज मच्छर के जरिए इंसानों के बीच फैलता है। मलेरिया प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस के कारण होता है। जब मादा एनाफिलीज मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो इस वायरस का अंश मच्छर के शरीर में स्थानांतरित हो जाता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो यह वायरस उन व्यक्ति के शरीर में स्थानांतरित हो जाता है। इसके बाद वह भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है। गंदगी मलेरिया का सबसे बड़ा कारण है। घरों इत्यादि के आसपास गंदगी होने के कारण वहां मच्छर पनपते हैं। इसलिए मलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है कि अपने घर के पास साफ सफाई रखें व मच्छर पनपने वाले स्त्रोतों को नष्ट करें। इस बीमारी से बचने के लिए आप अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। मच्छरों से सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया की मलेरिया के लक्षण मिलने पर खुद उपचार करने से बचते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया जांच व उपचार कराएं। इसके साथ ही अपने घर और आसपास का वातावरण हमेशा साफ सुथरा रखें। हैं। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टियां होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पाकुड़ डॉक्टर के के सिंह, डॉ मनीष, एसएमपीओ पवन कुमार, डीपीसी चंद्रशेखर कुमार समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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