झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ पुलिस मामला खारिज कर दिया। मामले में देवघर हवाईअड्डे से उड़ान भरने के लिए उनकी चार्टर्ड उड़ान को मंजूरी देने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) को कथित तौर पर मजबूर करने के लिए एफआईआर दर्ज कराई गई गई थी। उनकी ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने पिछले साल अगस्त में देवघर जिले के कुंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि 31 अगस्त को निर्धारित समय से इतर देवघर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के लिए अपनी चार्टर्ड उड़ान को मंजूरी मांगने के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी। मंजूरी के लिए कथित रूप से एटीसी कर्मियों को मजबूर करने के आरोप में दो सांसदों सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में कहा गया था कि यह हवाई अड्डों पर बनाए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल के खिलाफ है।
दुबे के वकील ने अदालत को बताया कि 31 अगस्त को देवघर से दिल्ली जाने वाली उड़ान में देरी हुई। हालांकि, उड्डयन नियमों के अनुसार सूर्यास्त के आधे घंटे बाद उड़ान भर सकता है। वकील ने कहा कि उस दिन सूर्य शाम 6.03 बजे अस्त हो गया था, जबकि विमान ने शाम 6.17 बजे उड़ान भरी, जो उड़ान के स्वीकृत मानदंडों के अधीन था। दुबे के वकील ने यह भी दलील दी कि राजनीतिक बदले की भावना से सांसदों को निशाना बनाया गया और दुर्भावनापूर्ण तरीके से झूठे मामले में फंसाया गया।
वहीं, प्राथमिकी को सही ठहराते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कहा कि देवघर हवाईअड्डे पर रात में उतरने और उड़ान भरने की सुविधा नहीं है। दोनों सांसदों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और सभी की जान जोखिम में डालकर अधिकारियों पर उड़ान की मंजूरी लेने के लिए अनुचित दबाव डाला। हवाईअड्डे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जुलाई को किया था।