Report: साल 2016 से 2021 के अंत तक 455 पत्रकारों की हत्या, मौत के आंकड़े चिंता का विषय

अन्तर्राष्ट्रीयReport: साल 2016 से 2021 के अंत तक 455 पत्रकारों की हत्या, मौत के आंकड़े चिंता का विषय
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वैश्विक स्तर पर साल 2016 से 2021 के अंत तक 455 पत्रकारों की हत्या हुई है। अकेले 2022 में ड्यूटी पर तैनात 86 पत्रकारों यानी हर चौथे दिन एक पत्रकार को मार दिया गया। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की एक वैश्विक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। 

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे एजोले ने कहा कि पत्रकारों को अपने कामकाज के दौरान कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है। मौत के आंकड़े चिंता का विषय हैं। अधिकारियों को इन अपराधों को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकारों के खिलाफ हो रहे अपराधों में कार्रवाई हो व दोषियों को दंडित किया जाए। 

2021 में 55 फीसदी बढ़े हत्या के मामले
वर्ष 2021 में पत्रकारों की हत्या के मामले में 55 फीसदी वृद्धि हुई है। अकेले लैटिन अमेरिका और कैरिबिया में 2022 में पत्रकारों 44 पत्रकारों की हत्या के मामले दर्ज किए गए थे। 2022 में मेक्सिको में सबसे अधिक हत्याएं (19) दर्ज की गईं, इसके बाद यूक्रेन (10) और हैती (9) का स्थान रहा। लेकिन 2016 और 2020 के बीच, मेक्सिको ने 61 हत्याएं दर्ज की गईं। वहीं, अफगानिस्तान में 51, सीरिया में 34, यमन में 24, इराक में 23, पाकिस्तान में 23 और भारत में 22 पत्रकारों की हत्याएं दर्ज की गईं।                                                                      

10 में नौ की हत्या की गुत्थी अनसुलझी
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से नौ पत्रकारों की हत्या की गुत्थी अनसुलझी है। 2006 के बाद से दर्ज ऐसे मामलों में से केवल 13 प्रतिशत को न्यायिक रूप से हल किया गया है। साल 2020 में 62 मौतें और 2021 में 55 मौतें दर्ज की गईं।

दुनिया में पत्रकार कहीं भी सुरक्षित नहीं
रिपोर्ट में चेतावनी जारी करते हुए कहा गया कि इन मामलों के सामने आने के बाद ऐसा लगता है कि पत्रकारों के लिए दुनिया में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है। यूनेस्को ने कहा कि की मारे गए लगभग आधे पत्रकारों को तब निशाना बनाया गया, जब वे ड्यूटी पर नहीं थे। कुछ को यात्रा के दौरान या दफ्तर से बाहर निकलते हुए पार्किंग वाली जगह पर मारा गया। वहीं, कुछ पत्रकारों पर अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हमला किया गया। अन्य अनेक मीडियाकर्मियों की हत्या उनके घरों पर की गई। 

खासतौर से महिला पत्रकार निशाने पर
यूनेस्को ने कहा कि विशेष तौर पर महिला पत्रकारों को निशाने पर रखा जाता है। एजेंसी ने कहा कि महिला पत्रकारों के समक्ष अधिक चुनौतियां रहती हैं। हत्या के मामलों के अलावा, वर्ष 2022 में पत्रकारों को अन्य हिंसा का सामना करना पड़ा। इनमें जबरन गुमशुदगी, अपहरण, मनमाने ढंग से हिरासत में रखना, कानूनी उत्पीड़न और डिजिटल हिंसा शामिल है। 

मेक्सिको सबसे खतरनाक देश 
यूनेस्को ने कहा कि दुनिया भर में मेक्सिको पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश है। यहां हत्या के 19 मामले दर्ज किए गए। वहीं, यूक्रेन में 10 और हेती में 9 मीडियाकर्मियों की हत्या हुई। एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में 16 और पूर्वी यूरोप में 11 मीडियाकर्मियों की हत्याएं दर्ज की गईं। कुछ पत्रकारों को सशस्त्र संघर्ष या बढ़ती चरमपंथी घटनाओं पर उनकी पत्रकारिता के कारण मार दिया गया। अन्य पत्रकारों को भ्रष्टाचार, पर्यावरणीय अपराध, सत्ता के दुरुपयोग और विरोध जैसे संवेदनशील विषयों पर पत्रकारिता करने पर हत्या कर दी गई।

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