Taimara Ghati: यहां जाते ही बदल जाती है तारीख, 2 साल आगे पहुंच जाता है समय, जानें- रहस्यों में लिपटी इस घाटी की सच्चाई

झारखण्डTaimara Ghati: यहां जाते ही बदल जाती है तारीख, 2 साल आगे पहुंच जाता है समय, जानें- रहस्यों में लिपटी इस घाटी की सच्चाई
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Taimara Ghati Mystery: सोशल मीडिया पर इन दिनों झारखंड की तैमारा घाटी को लेकर खबरों से भरा पड़ा है. भले ही तैमारा घाटी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक ऐसा स्थान है जो सभी को आकर्षक लगता है, लेकिन रामपुर और तैमारा घाटी के बीच का क्षेत्र हाल ही में अपने रहस्य के कारण चर्चा में आया है. कहा जाता है कि इस क्षेत्र से गुजरने पर मोबाइल डिवाइस पर घड़ी और साल अपने आप बदल जाते हैं.

बदल जाता है समय?
यहां आते ही आपके मोबाइल में समय दो साल आगे बढ़ जाता है. दूसरे शब्दों में अगर हम कहें तो अगर आप यहां साल 2023 में जाते हैं तो आपके फोन पर 2023 के बजाय वर्ष 2025 दिखने लगेगा, मतलब आप दो साल आगे पहुंच जाएंगे. इसके अलावा मोबाइल डिवाइस की घड़ी एक अलग समय दिखाना शुरू कर देगी है. यहां पहुंचते ही मोबाइल के वॉट्सऐप पर डेट सेटिंग का मैसेज आने लगता है.

राहगीर रूक कर करते हैं पूजा
इस घाटी में कहीं भी सड़क के किनारे एक मंदिर के अलावा कुछ भी नजर नहीं आएगा जिसमें मां काली और बजरंग बली की मूर्ति है. राहगीर अक्सर इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए रुकते हैं. इसके बाद आगे की यात्रा के लिए रवाना होते हैं. तैमारा घाटी तक पहुंचने के लिए आपको रांची जमशेदपुर हाईवे NH-33 पर सफर करना होगा. यह स्थान रांची की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर है. आप चार लेन वाली सड़क के दोनों ओर पहाड़ और घाटियां देख सकते हैं. इस बरसात के मौसम में आप यहां बादलों को नजदीक से देख सकते हैं. पहाड़ों से टकराने वाले बादल आपको यहां ठंडक का अहसास कराएंगे.

ग्रामीणों कर चुके हैं ये दावा
स्थान के बार-बार समय क्षेत्र बदलने के कारण इंटरनेट का उपयोग करना मुश्किल है. केवल कॉल की जा सकती हैं. ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने इस सड़क पर सफेद कपड़े पहने एक महिला को घूमते हुए भी देखा है. महिला को बचाने के लिए चालक कारों को टक्कर मार देते हैं. इस सड़क पर अक्सर क्षतिग्रस्त कारें देखी जा सकती हैं. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाल ही में इस सड़क पर एक मंदिर का निर्माण किया गया था. अब इस कहानी में कितनी सच्चाई है ये कोई नहीं जानता, लेकिन इस स्थिति के लिए कर्क रेखा जो इस क्षेत्र को पार करती है, को दोषी ठहराया जाता है. दूसरों ने प्रस्तावित किया कि गड़बड़ी क्षेत्र के शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और विकिरण के कारण हो सकती है.

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