Saturday, June 7, 2025
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बेगूसराय के इन युवाओं की पहल के कारण 62 बच्चे जी रहें हैं जिंदगी

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नीरज कुमार/बेगूसराय. किसी व्यक्ति को खून देकर उसकी जान बचाना पूण्य का काम है, इसलिए रक्तदान को महादान माना गया है. बेगूसराय जिले के कुछ उत्साही युवाओं ने खून की की कमी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए साल 2018 में जयमंगला वाहिनी रक्तदान टीम बना डाला. इन युवाओं का मक़सद थैलेसीमिया के मरीजों की जान बचाना है. आज यह टीम एक कॉल पर रक्त देने के लिए हाजिर रहते हैं.

शहर के लगभग 75 युवाओं की टीम जिले के 62 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के साथ ही अन्य जरूतमंदों को मदद पहुंचा रहे हें. रात के 12 बज रहे हो या सोशल मीडिया पर किसी की गुहार बस केवल रक्त का ग्रुप और अस्पताल का नाम बताने के बाद जयमंगला वाहिनी के युवा सक्रिय हो जाते हैं. साथ हीं मदद के लिए हाजिर हो जाते हैं. आवश्यकता के अनुरूप रक्त देने पहुंचकर मरीज व उनके परिजनों के चेहरे पर खुशी लाने का काम कर रहे हैं. इस काम में कुमार मनीष, सुमित कुमार और सोनू कुमार की भूमिका की चर्चा पूरे जिले में होती है.

62 थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए स्टॉक में रहता है ब्लड

जयमंगला वाहिनी के सदस्य सुमित कुमार ने बताया कि जिले में 62 थैलेसीमियाके मरीजों को ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है. इसके लिए ब्लड का स्टॉक पहले से हमारी टीम तैयार रखती है. वहीं जरुरत पड़ने पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करते रहते हैं. इस संस्था के सदस्य सोनू कुमार ने बताया साल 2018 में थैलेसीमिया के बच्चों की जान बचाने के लिए इसकी स्थापना की गई थी. ब्लड डोनेट कर रहे मो. असरफ ने बताया मानवता के नाते ब्लड डोनेट जरूर करें ताकि किसी की जान बचाई जा सके.

दिनकर ब्लड बैंक में ब्लड का रखते हैं स्टॉक

थैलेसीमिया मरीज के बच्चों के परिजनों का कहना है जयमंगला वाहिनी के सहयोग से हर 15 दिनों में ब्लड उपल्ब्ध हो जाता है. देबू महतो ने बताया कि यहां पर ब्लड बच्चों के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाता है और जयमंगला वाहिनी के सहयोग से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. वहीं इस संगठन के संस्थापक सदस्य कुमार मनीष ने बताया कि हम लोगों ने देखा रक्त कि कमी से बहुत सारे थैलेसीमिया मरीज के परिजनों को भटकना पड़ता है.

ब्लड उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चों की जान जा सकती है. इसी वजह से जयमंगला वाहिनी की शुरुआत की गई. अब समाज में ब्लड डोनेट करने के लिए सभी को सामने आने की जरूरत है, क्योंकि आपके द्वारा दिया गया ब्लड लोगों के काम आ सकता है. जिनके पास मैचिंग ब्लड के लोग उपलब्ध न हो फिर भी आपका एक यूनिट ब्लड कम से कम 3 लोगों की जिंदगी को बचा सकता है.

Tags: Begusarai news, Bihar News, Local18

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