Friday, May 23, 2025
Homeभारत के मुख्य न्यायाधीश ने सोशल मीडिया, एआई के दुरूपयोग के प्रति...

भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सोशल मीडिया, एआई के दुरूपयोग के प्रति आगाह किया : कहा, मानवीय मूल्य महत्वपूर्ण

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर में दो पूर्णकालिक कार्यक्रम शुरू होंगे। इसमें डाटा साइंस और कृत्रिम मेधा में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम तथा डाटा सांइस एवं कृत्रिम मेधा में दो वर्षीय मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने प्रौद्योगिकी का हानिकारक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर आगह करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी को उपयोगकर्ताओं के मन में भय पैदा नहीं करना चाहिए अन्यथा लोग खुले एवं मुक्त रूप से अपने विचार व्यक्त नहीं कर पायेंगे।
न्यायामूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि बड़े वर्ग तक शीघ्र एवं त्वरित संवाद के लिए सोशल मीडिया और कृत्रिम मेधा (एआई) के दुरूपयोग को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी को समर्थ होना चाहिए क्योंकि मानवीय मूल्य और व्यक्तिगत निजता बेहद महत्वपूर्ण है।
आईआईटी मद्रास के 60वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में शनिवार को भारत के मख्य न्यायाधीश ने कहा,
‘‘ कोई भी प्रौद्योगिकी निर्वात में जन्म नहीं लेती है, बल्कि वह उस समय की सामाजिक वास्तविकता तथा कानूनी, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था की परिचायक होती है।’’
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने आज राष्ट्रीयता समेत कई बाधाओं को समाप्त कर दिया है और कोई भी एक बार में लाखों संदेश भेज सकता है जो ऑफलाइन माध्यम से संभव नहीं है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उद्भव के साथ ही नये व्यवहार का जन्म भी हुआ है और यह आनलाइन मध्यम से धमकी, अपशब्दों का प्रयोग और ‘ट्रोल’ करने जैसे रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं तो प्रौद्योगिकी के विकास के साथ इन विषयों पर भी विचार करने की जरूरत है।’’
भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ आज कृत्रिम मेधा (एआई) ऐसा शब्द है जो हर किसी की जुबान पर हैं। कृत्रिम बुद्धिमता के माध्यम से कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की क्षमता बढ़ाने में मदद मिली है।’’
उन्होंने कहा कि एआई के साथ चैट जीपीटी साफ्टवेयर का उपयोग भी बढ़ा है जो चुटकुले बनाने से लेकर कोडिंग करने और कानूनी विषयों को लिखने तक में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय में भी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग (सीधे प्रसारण) के लिए पायलट आधार पर एआई का उपयोग किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा, ‘‘जब हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं तब हमें यह देखना चाहिए कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी किस प्रकार से मानव विकास में मदद कर सकते हैं?’’

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के विकास के साथ ऑनलाइन धमकी, अपशब्द कहने और परेशान किये जाने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं और यह बात भी स्पष्ट होती है कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हानिकारक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ प्रौद्योगिकी को उपयोगकर्ताओं के मन में भय पैदा करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए अन्यथा लोग खुले एवं मुक्त रूप से अपने विचार व्यक्त नहीं कर पायेंगे।’’
उन्होंने प्रौद्योगिकी छात्रों से कहा, ‘‘ आज मैं आपके समक्ष दो सवाल छोड़ रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि ये सवाल आप स्वयं से भी करेंगे।पहला यह कि प्रौद्योगिकी कौन से बुनयादी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है और दूसरा यह है कि यह किस कीमत पर है?’’
भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जब वे मूल्यों की बात करते हैं तब इसका आशय आपके विचारों, नवाचार और प्रौद्योगिकी के मौद्रिक मूल्य से नहीं है बल्कि इसका संबंध यह है कि प्रौद्योगिकी किस प्रकार के बुनियादी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है।

न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने संचार और काम करने के तरीके को ही बदल दिया है। उन्होंने कहा, कोविड-19 के दौरान उच्चतम न्यायालय में डिजिटल माध्यम से सुनवाई की शुरुआत हुई। इस दौरान पूरे भारत में लगभग 4.3 करोड़सुनवाई हुईं।
आईआईटी मद्रास के 60वें दीक्षांत समारोह में 2571 छात्रों को स्नातक डिग्री, 453 छात्रों को डाक्ट्रेट डिग्री और 19 को विदेशी विश्वविद्यालयो के साथ संयुक्त डिग्री सर्टिफिकेट प्रदान की गई।
इस अवसर पर आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि ने छात्रों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास पहला आईआईटी है जिसका परिसर देश से बाहर जंजीबार-तंजानिया में स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर में दो पूर्णकालिक कार्यक्रम शुरू होंगे। इसमें डाटा साइंस और कृत्रिम मेधा में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम तथा डाटा सांइस एवं कृत्रिम मेधा में दो वर्षीय मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments